केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के दो शीर्ष अधिकारियों के विवाद में फंसने के बाद एजंसी में कामकाज लगभग ठप पड़ा है। देश की शीर्ष जांच एजंसी के पास कई हाई-प्रोफाइल मामले हैं, मगर उनकी जांच फिलहाल रुकी हुई है और अधिकारी नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित मुख्यालय में स्थित जिम में पसीना बहा रहे हैं। अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ ने सीबाआई सूत्र के हवाले से लिखा है, “महीने भर पहले जब सरकार ने हमारे दो शीर्ष अधिकारियों (सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना) को बेंच पर बिठाया था, तब से सभी हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच रुक गई है। इसलिए हम ऑफिस जिम जाने लगे हैं, एक वजह ये है कि हमारे पास करने को कुछ खास है नहीं और फिट तो रहना ही है।”
अखबार ने सूत्र के हवाले से लिखा है कि माल्या कर्ज मामला, लालू प्रसाद रेलवे होटल बिक्री, अगुस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर घोटाला, शारदा और नारद जैसे स्कैंडल्स की सीबीआई जांच में कोई प्रगति नहीं हो रही है। सूत्र ने अखबार से कहा, “फाइलें 24 अक्टूबर के बाद से आगे नहीं बढ़ी हैं क्योंकि उनकी निगरानी सीधे अस्थाना कर रहे थे।” 24 अक्टूबर को ही वर्मा और अस्थाना को आपसी कलह के बाद उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, कई मामले राजनैतिक रूप से इतने संजीदा हैं कि अफसर उसमें हाथ डालने से घबरा रहे हैं। अखबार ने सूत्र के हवाले से कहा, “इनमें से कुछ मामले राजनैतिक रूप से संवेदनशील हैं और वरिष्ठ अधिकारी मामले की फाइलों को हाथ लगाने से भी डर रहे हैं कि कहीं वे किसी तरह के विवाद को जन्म न दे दें या फिर सुप्रीम कोर्ट के कोपभाजन का शिकार होना पड़े।” एजंसी के अधिकारी इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट वर्मा की याचिका पर फैसला सुनाए जिसमें उन्होंने खुद को छुट्टी पर भेजे जाने को चुनौती दी है।
हालात इसलिए भी बदतर हो गए हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर के आदेश में सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव को किसी तरह के नीतिगत फैसले या बड़ा कदम उठाने से रोक रखा है। वर्मा की याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक उन्हें ‘रूटीन काम’ जारी रखने को कहा गया है। अखबार ने सूत्र का हवाला देते हुए कहा, ”चीजें ऐसी ठप हुई हैं कि कोई वरिष्ठ अधिकारी फैसला नहीं लेना चाहता, यहां तक कि जूनियर्स को छापेमारी या पूछताछ के लिए लोगों को बुलाने के आदेश भी नहीं दिए जा रहे।”
अधिकारी ने अखबार से कहा, ”वर्मा और अस्थाना के बीच लड़ाई और फिर उनका काम छीने जाने से एजंसी की छवि धूमिल हुई है और हम सभी तनाव में हैं। अच्छी कसरत से हमें तनाव कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा हमारे पास हमेशा अत्यधिक काम रहता है, इसलिए जिम में थोड़ा पसीना बहाना बदलाव के लिए अच्छा है।” अखबार के अनुसार, एक अन्य सीबीआई अधिकारी ने ट्रेडमिल पर कसरत करते हुए कहा, ”हमारे पास इंतजार करने से सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।”

