सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) ने बैंगलुरू में एमनेस्टी इंटरनेशनल ग्रुप के दफ्तर पर शुक्रवार को छापेमारी की। यह छापेमारी फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के उल्लंघन के आरोप के तहत की गई है। आरोप है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल ग्रुप को विदेशी फंडिग मिली थी, जो नियमों का उल्लंघन कर हासिल की गई।
सीबीआई ने इस मामले में एमनेस्टी इंडिया के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। सीबीआई के अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को यह जानकारी दी। बता दें कि एमनेस्टी इंटरनेशनल ग्रुप मानवाधिकारों के लिए काम करता है।
ग्रुप ने इस छापेमारी को बदले की भावना के तहत की गई कार्रवाई करार दिया है। ग्रुप ने कहा कि देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ बोलने के लिए टारगेट किया जा रहा है।
मनेस्टी ने एक बयान में कहा ‘पिछले एक साल में भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ एमनेस्टी इंडिया खड़ा हुआ और इसके खिलाफ आवाज बुलंद की तबसे हमारे खिलाफ उत्पीड़न का एक ही तरीका सामने आया है। हम अंतर्राष्ट्रीय कानून का पूरी तरह से पालन करते हैं। चाहे वह भारत हो या कोई और जगह हमारा काम मानव अधिकारों के लिए लड़ना है। भारतीय संविधान में भी यही मूल्य निहित हैं।’
बता दें कि बीते कुछ सालों में एमनेस्टी इंडिया जांच एजेंसियों के रडार पर है। जांच एजेंसियां कंपनी के खिलाफ फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के उल्लंघन के आरोपों के तहत जांच में सक्रिय है। पिछले साल इस मानवाधिकार संगठन के बेंगलुरु कार्यालय पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा था।
एक बयान में ईडी ने कहा था कि कंपनी एफसीआरए एक्ट का उल्लंघन किया, गृह मंत्रालय से उसे मंजूरी नहीं दी गई थी। कंपनी पर कथित तौर पर 36 करोड़ रुपए की हेरफेर का आरोप है। गौरतलब है कि इंटरनेशनल दो साल से पहले विदेशी फंडिंग में नियमों की अनदेखी मामले में ईडी के निशाने पर था।

