मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार के खूनी व्यापमं घोटाले की जांच कर रहे सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन ने बीते दिन तीन और एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें 26 लोगों को आरोपी बनाए जाने की बात सामने आई है।
सीबीआई के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में 4 एवं पीएमटी परीक्षा के फर्जीवाड़े को लेकर 2 नई एफआईआर दर्ज की हैं। पीएमटी परीक्षा में असली आवेदकों के स्थान पर दो ऐसे युवकों को बिठाया गया था, जो उस परीक्षा को पास करने के काबिल ही नहीं थे। इन सभी आरोपियों की जांच की जाएगी।
पहली प्राथमिकी पीएमटी 2004 को लेकर है, इसमें आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है, दूसरी प्राथमिकी पीएमटी 2005 को लेकर है, इसमें 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
इन दोनों मामलों में ग्वालियर के पुलिस थाना झांसी रोड में 19 जुलाई 2014 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। व्यापमं घोटाले की पड़ताल में जुटी सीबीआई ने मप्र के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेष यादव की मौत को संदिग्ध मानते हुए प्रारंभिक जांच दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि राज्यपाल यादव के बेटे शैलेष की उनके लखनऊ में माल एवेन्यू स्थित सरकारी निवास पर 25 मार्च 2015 को संदिग्ध मौत हो गई थी। व्यापमं घोटाले से जुड़े संविदा शिक्षक भर्ती घोटाले में एसटीएफ भोपाल ने जो प्रकरण दर्ज किया था उसमें शैलेष का नाम भी अभियुक्त में शरीक था।
घटना के कुछ दिन पहले ही मप्र एसटीएफ ने 19 मार्च को शैलेष के पेट्रोल पंप पर नोटिस चस्पा कर दिया था। पूछताछ के बाद उसकी गिरफ्तारी की तैयारी की गई थी।
एसटीएफ के समक्ष आरोपी वीरपाल ने बयान दर्ज कराया था कि उसने 10 उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए नामों की सूची और 3 लाख रुपए शैलेष के मित्र विजयपाल को राजभवन में सौंपे थे। लिहाजा इन तीनों एफआईआर से स्कैम से जुड़े और भी कई आरोपियों के नाम सामने आ सकते हैं।