पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में सीबीआई ने नौ मामले दर्ज किए हैं। एजेंसी कुछ और मामले दर्ज किए जाने की प्रक्रिया में हैं और उनमें से कुछ मामले राज्य सरकार ने सौंपे हैं। बंगाल बीजेपी चीफ दिलीप घोष ने सीएम ममता बनर्जी पर तंज कस कहा है कि अब उनके आगे कुर्सी बचाने का संकट है। तभी वह उप चुनाव कराने की जल्दबाजी में दिखाई दे रही हैं।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अफसर राज्य की उन जगहों पर जा रहे हैं, जहां अपराध हुए थे। एजेंसी ने लोगों से बात करने और साक्ष्य जुटाने के बाद एक्शन लिया है। बंगाल हाईकोर्ट ने साल की शुरुआत में हुए असेंबली चुनावों के बाद रेप और हत्या के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी थी सीबीआई ने चुनाव बाद हिंसा मामले की जांच का जिम्मा कोयला और पशु तस्करी मामले की जांच करने वाले अधिकारी अखिलेश सिंह को सौंपा है। चुनाव के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में सीबीआई के कुल 64 अफसरों को नियुक्त किया था। अब टीम में 109 अफसर काम कर रहे हैं।
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सीबीआई की टीम सोमवार को कोलकाता पहुंची थी। टीम हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के घर जाकर उसके भाई से मिली। बाद में उन्हें अपने साथ बयान दर्ज करवाने के लिए निजाम पैलेस ले गई। अभिजीत सरकार की इसी साल बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद 2 मई को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
परिवार का आरोप था कि कोलकाता पुलिस उनकी एफआईआर तक नहीं दर्ज कर रही थी। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अभिजीत के शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया गया था। बाद में कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर ही डीएनए टेस्ट भी कराया गया था।
उधर, दिलीप घोष ने कहा कि असेंबली चुनावों को टालने की गुहार लगा रहीं ममता अब उप चुनावों को कराने की जल्दी में हैं, क्योंकि उनके सामने कुर्सी बचाने का संकट है। उनका कहना है कि पहले वो कोरोना का हवाला दे रही थीं पर अब उनकी नैतिकता कहां चली गई।
पांच महिला शिक्षकों के खुदकुशी के प्रयास के मामले में उनका था कि जिनके ऊपर बच्चों के भविष्य को संवारने का जिम्मा है उन्हें ऐसा कदम उठाने पर मजबूर किया जा रहा है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका कहना था कि ममता सरकार केवल अपने हितों को साधने में जुटी है। एक तरफ असेंबली के उपचुनाव कराने की जल्दी है वहीं स्थानीय निकायों के चुनाव को लेकर सरकार बात तक करने को तैयार नहीं है।