पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में CBI को एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी है। शाहजहां शेख के कई ठिकानों पर छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार मिले हैं।

बीते 5 जनवरी को पश्चिम बंगाल के राशन वितरण में 10 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा के हुए भ्रष्टाचार मामले में शाहजहां शेख के आवास पर ईडी की टीम छापेमारी करने पहुंची थी, लेकिन उस दौरान शेख के गुर्गों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया। इसके साथ ही अधिकारियों के साथ चल रहे अर्धसैनिक बलों के वाहनों को भी चारो ओर से घेर लिया था। इस दौरान भीड़ ने ईडी के अधिकारियों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की।

शाहजहां शेख के गुर्गों के इस हमले में ईडी के तीन अधिकारी राजकुमार राम, सोमनाथ दत्त और अंकुर गुप्ता चोटिल हुए थे। इस पूरे मामले में कुल 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। जबकि इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड शाहजहां शेख कई दिनों तक फरार रहा।

पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी है शाहजहां शेख

राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी शाहजहां शेख इसके बाद सुर्खियों में आया। इसी के बाद संदेशखाली की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया। साथ ही उसके गुर्गों पर कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया।

इस पूरे मामले के सामने आते ही लेफ्ट और बीजेपी ने सत्तारूढ ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए धारा 144 लगा दिया गया। इसके साथ ही विपक्ष के किसी भी नेता को वहां जाने से रोक लगा दिया गया।

कोलकाता हाईकोर्ट ने दिया आदेश, तब हुई गिरफ्तारी

ऐसी स्थित में ममता सरकार ने शाहजहां शेख के कई गुर्गों के गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बीजेपी शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के लिए संदेशखाली से लेकर दिल्ली तक प्रदर्शन किया। अंतत: कोलकाता हाई कोर्ट ने शाहजहां शेख की गिरफ्तारी का आदेश दिया तब जाकर फरवरी के अंत में गिरफ्तारी हुई।