केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बैंक धोखाधड़ी मामले में शुक्रवार को जेट एयरवेज और उसके संस्थापक नरेश गोयल (Naresh Goyal) के मुंबई स्थित परिसरों समेत सात ठिकानों पर छापेमारी की। केनरा बैंक (Canara Bank) में कथित 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने नरेश गोयल के आवास (CBI raided Naresh Goyal’s residence) और जेट एयरवेज के मुंबई कार्यालय पर छापेमारी की।

सीबीआई ने की छापेमारी

जांच एजेंसी ने नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता और पूर्व एयरलाइन निदेशक गौरांग आनंद शेट्टी के आवासों और कार्यालयों की तलाशी ली। केनरा बैंक की शिकायत पर यह छापेमारी की गई है। अधिकारियों ने कहा कि केनरा बैंक की एक शिकायत पर 538 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोप अन्य अनियमितताओं के बीच धन के कथित डायवर्जन से संबंधित हैं।

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत जालान कालरॉक कंसोर्टियम द्वारा जेट एयरवेज के लिए बोली जीतने के बाद कंपनी पुनरुद्धार की प्रक्रिया में थी।

सीबीआई ने जेट एयरवेज और उसके संस्थापकों पर धन की हेराफेरी का आरोप लगाया है। सीबीआई के मुताबिक 1 अप्रैल 2011 से 30 जून 2019 के बीच एयरलाइन को प्रोफेशनल और कंसल्टेंसी खर्च पर 1,152.62 करोड़ रुपये खर्च करते पाया गया था। जेट एयरवेज से जुड़ी संस्थाओं के बीच कुल ₹ 197.57 करोड़ के संदिग्ध लेनदेन की पहचान की गई, जिसमें एयरलाइन के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारी भी इन संस्थाओं से जुड़े थे।

जेट एयरवेज कभी भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी थी

जेट एयरवेज कभी भारत की सबसे बड़ी निजी वाहक थी। कंपनी ने अप्रैल 2019 में गंभीर नकदी संकट और बढ़ते कर्ज के कारण परिचालन को निलंबित कर दिया था। लंबी दिवाला प्रक्रिया के बाद जून 2021 में यूएई-आधारित व्यवसायी मुरारी लाल जालान और लंदन स्थित कालरॉक कैपिटल के बीच एक साझेदारी द्वारा एयरलाइन का अधिग्रहण किया गया था। सीबीआई की जांच में पाया गया कि जेट एयरवेज ने कुल 1,152.62 करोड़ रुपये में से 420.43 करोड़ रुपये प्रोफेशनल और कंसल्टेंसी खर्च के रूप में उन संस्थाओं को दिए, जिनकी कारोबारी प्रकृति उनके इनवॉयस पर सेवा विवरण से मेल नहीं खाती।