भारतीय सेना के दो मेजर जनरल रैंक के अफसरों के खिलाफ रक्षा मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं। इन अफसरों पर आय से अधिक संपत्ति जुटाने के आरोप हैं। इनमें से एक अफसर का नाम बीते साल उस वक्त सामने आया, जब आरोप लगा कि प्रमोशन के लिए रिश्वत दी गई। सेना ने किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने खुद इस मामले में दिलचस्पी ली। इसके बाद रक्षा मंत्रालय में काम कर रहे एक सिविलियन स्टाफ पर कार्रवाई हुई। इससे इस बात के संकेत मिले कि मंत्रालय में मामले की जांच हो रही है।
सूत्रों के मुताबिक, आर्मी सप्लाई कॉर्प्स (ASC) के मेजर जनरल अशोक कुमार और आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स के मेजर जनरल एसएस लांबा पर आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप है। सूत्रों का यह भी कहना है कि इन दोनों अफसरों को लेफ्टिनेंट जनरल रैंक पर प्रमोट करने की मंजूरी भी दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक, मेजर जनरल अशोक कुमार ‘कुछ महीने पहले तक’ ईस्टर्न सेक्टर में सेवा दे रहे थे। यह अभी साफ नहीं है कि मेजर जनरल लांबा कहां सेवाएं दे रहे हैं। दो अफसरों को पिछले साल गणतंत्र दिवस पर अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) मिल चुका है।
मंत्रालय के एक अफसर ने बताया, ”रक्षा मंत्रालय ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया है। सितंबर में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद से ही इस मामले पर नजर है। करप्शन के मामले पर मंत्रालय जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है।” सेना ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।