केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने मुंबई के चार साल पुराने ज्योर्तिमय डे पत्रकार हत्याकांड की जांच अपने हाथों में ले ली है। महाराष्ट्र सरकार ने गैंगस्टर छोटा राजन के खिलाफ सीबीआइ को 71 मामले भेजे थे, जिनमें से यह पहला मामला है जिसकी सीबीआई जांच शुरू करने जा रही है। वैसे सीबीआइ ने जो प्राथमिकी दर्ज की है उसमें नियमों के अनुसार संदिग्ध के रूप में छोटा राजन का नाम नहीं है। सीबीआइ स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी दोबारा दर्ज करती है।
चूंकि सीबीआइ ने अपनी प्राथमिकी में छोटा राजन का नाम नहीं लिया है और आरोपपत्र के चरण में बतौर आरोपी उनकी भूमिका शामिल की है, इसलिए सीबीआइ ने भी अपनी जांच शुरू करने के लिए प्राथमिकी दोबारा दर्ज कीं पिछले साल नवंबर में इंटरपोल रेडनोटिस पर बाली में पकड़े जाने और उसे छह दिसंबर, 2015 को सीबीआइ द्वारा दिल्ली लाये जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने छोटे राजन के खिलाफ सभी 71 मामले सीबीआइ के पास भेजे थे।
मिड-डे के खोजी पत्रकार ज्योर्तिमय डे की हत्या उन प्रमुख मामलों में एक था जिनमें राजन का हाथ होने का संदेह है। डे की 11 जून, 2011 को दोपहर साढ़े तीन बजे पोवाई में हिरानदानी इलाके के डी मार्ट में स्पेक्ट्रा भवन के समीप मोटरसाइकिल सवार चार हमलावरों ने राजन की कथित शह पर गोली मार कर हत्या कर दी थी। ये हमलावर दो मोटरसाइकिल से आए थे।
पुलिस ने 2012 में अन्य पत्रकार जिग्ना वोरा और अन्य आरोपी दीपक सिसोदिया के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया।
वोरा ने पेशेवर प्रतिद्वंद्विता को लेकर डे की हत्या की साजिश रची। पुलिस का कहना है कि छोटा राजन डे के दो आलेखों में अपनी गलत छवि पेश किये जाने को लेकर परेशान था और उसने डे का सफाया करने का आदेश दे डाला।