सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर अरुण कुमार शर्मा के बेटे और बेटी के नाम पर 4 बोगस कंपनियों का पता चला है। इन कंपनियों में पार्टनर के तौर पर सीबीआई द्वारा हाल ही में रेड किए गए केटरर के कुछ रिश्तेदार और एक सीबीआई अधिकारी का पत्नी का नाम शामिल है। इंडियन एक्सप्रेस ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) की जांच की और इन कंपनियों के दिए गए पते पर जाकर पता किया तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इस खुलासे के तहत सीबीआई के संयुक्त निदेशक अरुण कुमार शर्मा के बेटे कुशाग्र शर्मा 4 बोगस कंपनियों में निदेशक है, वहीं अरुण शर्मा की बेटी का नाम एक बोगस कंपनी में निदेशक के तौर पर दर्ज है। हालांकि ये सभी कंपनियां उनके पते पर रजिस्टर्ड नहीं हैं और ना ही इनके बनने के बाद से इन कंपनियों ने कोई बिजनेस किया है।

बता दें कि सीबीआई में इन दिनों हंगामा चल रहा है। जिसकी शुरुआत सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और संयुक्त निदेशक राकेश अस्थाना के बीच के मनमुटाव से हुई थी। दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे पर मोईन कुरैशी केस में रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। राकेश अस्थाना ने बीती 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को लिखे एक शिकायती पत्र में कहा था कि अरुण कुमार शर्मा 7 शैल कंपनियों के साथ जुड़े हुए हैं। जिनमें उनके बेटे, बेटी और उनके निजी स्टाफ अश्विनी गुप्ता की पत्नी का नाम बतौर डायरेक्टर दर्ज है। राकेश अस्थाना ने अपने पत्र में बताया था कि निवेषन वेंचर नामक कंपनी को शर्मा के बेटे कुशाग्र शर्मा और प्रदीप कुमार राय नामक व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा है।

वहीं RoC के रिकॉर्ड के मुताबिक यह कंपनी दिल्ली राइडिंग क्लब में दर्ज थी, जिसका पता 16 नवंबर, 2017 को 1, सफदरजंग रोड, नई दिल्ली दर्ज कराया गया था। बाद में 4 अक्टूबर, 2018 को इसका पता बदलकर s-31, S-32 ए, फर्स्ट फ्लोर, हरगोबिंद एनक्लेव, अपोजिट डीएलएफ गेट, नई दिल्ली कर दिया गया। जांच में पता चला है कि यह कंपनी एक समय सीबीआई कैंटीन के कैटरर राकेश कुमार तिवारी द्वारा अप्रूव की गई थी। हाल ही में सीबीआई ने तिवारी के ठिकाने पर छापा मारा था। तिवारी पर आरोप है कि वह नौकरशाह अधिकारियों के लिए धन जुटाने का काम करता है।

इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकारों द्वारा जब इस कंपनी के रजिस्टर्ड पते पर जाकर पता किया गया तो वहां कंपनी का कुछ अता-पता नहीं था। हैरानी की बात ये है कि जिस पते पर कंपनी रजिस्टर्ड है, उसका रेंट एग्रीमेंट निवेषन वेंचर और ऋषिपाल सिंह नामक व्यक्ति के बीच हुआ है। जबकि स्थानी लोगों का कहना है कि कॉलोनी में ऋषिपाल सिंह नाम का कोई व्यक्ति रहता ही नहीं है। इसी तरह Brevity Enterprises नामक कंपनी अहमदाबाद के पते पर रजिस्टर्ड है। इसमें गुजरात के एडिशनल डायरेक्टर ऑफ पुलिस कमल कुमार ओझा के बेटे और कुशाग्र शर्मा का नाम बतौर डायरेक्टर दर्ज है। यह कंपनी कमल कुमार ओझा के पते पर रजिस्टर्ड है।

इस पर ओझा का कहना है कि वह और सीबीआई अधिकारी अरुण कुमार शर्मा दोस्त हैं और हमारे बेटे भी दोस्त हैं। दोनों ने स्कूल के दिनों में ही इस कंपनी को रजिस्टर्ड कराया था, लेकिन बाद में अरुण कुमार शर्मा का तबादला दिल्ली हो गया और कुशाग्र भी दिल्ली चला गया। इसके बाद से यह कंपनी ऐसे ही बोगस है। उपरोक्त दोनों कंपनियों की तरह ही Meta World Ecotech Pvt Ltd और Whitecubes Brine Science Pvt Ltd में भी कुशाग्र शर्मा और कुछ अन्य लोग साझेदार हैं। लेकिन जांच में ये कंपनियां भी बोगस पायी गईं। जब इस संबंध में सीबीआई अधिकारी अरुण कुमार शर्मा और उनके बेटे, बेटी से जवाब मांगा गया तो अभी तक किसी ने भी अपना पक्ष नहीं रखा है। हां, कुशाग्र शर्मा ने मिलकर इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने की बात कही।