CBI Feud: सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को अचानक छुट्टी पर भेजने के विरोध में दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय के बाहर कांग्रेसियों ने शुक्रवार को जमकर हल्ला-बोला। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने लोधी रोड स्थित दयाल सिंह कॉलेज से पैदल मार्च की शुरुआत की थी। आगे मुख्यालय के पास लगे दिल्ली पुलिस के बैरिकेड रोड़ा बने, तो राहुल उन्हीं पर चढ़कर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने लोधी रोड थाने जाकर सांकेतिक गिरफ्तारी दे दी। राहुल का आरोप है कि केंद्र राफेल पर जांच नहीं चाहती, इसलिए उसने वर्मा को छुट्टी पर भेजा। वर्मा, राफेल डील पर जांच शुरू कराने वाले थे।
आपको बता दें कि फोर्स लीव पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अब दिवाली के बाद 12 नवंबर को सुनवाई होगी। यानी वर्मा और अस्थाना त्योहार तक दफ्तर नहीं जा पाएंगे। यह बात इस चीज का संकेत भी देती है कि सीबीआई में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया जाएगा। और सरल तरीके से कहें तो सीबीआई सिर्फ एक दफ्तर की तरह चलेगा।बता दें कि वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 अक्टूबर) को साफ किया कि अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव सिर्फ रूटीन काम-काज देखेंगे। जांच के दौरान वह कोई नीतिगत फैसला नहीं लें पाएंगे।
सीजेआई रंजन गोगोई ने इसी के साथ आलोक वर्मा मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को जांच पूरी करने के लिए दो हफ्तों की डेडलाइन दी है। कोर्ट ने आगे कहा कि सीवीसी इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ज जज एके पटनायक की निगरानी में करे। कोर्ट ने इसके अलावा केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है, जिसमें उससे जवाब मांगा गया है। वहीं, कोर्ट ने राव से हर फैसले से जुड़ी जानकारी बंद लिफाफे में मांगी है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के पास कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जो जनता के लिए मायने रखता हो। यही कारण है कि वे लोग ऐसे मामलों को बेवजह मुद्दा बना रहे हैं। हमें जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।
सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को अचानक पद से हटाने को लेकर देश भर के सीबीआई दफ्तरों के बाहर कांग्रेस का हल्ला शुरू हो चुका है। कहीं बैनर-पोस्टर व नारों के जरिए कांग्रेसी धरना दे रहे हैं, तो कहीं पर वे मोदी-शाह विरोधी नारेबाजी करते दिखे। दिल्ली में दयाल सिंह कॉलेज से सीबीआई मुख्यालय की ओर मार्च भी शुरू हो चुका है, जिसका नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल कर रहे हैं।
इससे पहले, सीबीआई में नंबर के अफसर राकेश अस्थाना ने भी खुद को छुट्टी पर भेजने वाले फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी। आपको बता दें कि वर्मा ने अपनी जनहित याचिका में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा फोर्स लीव (जबरन छुट्टी) पर भेजने और नागेश्वर राव को संगठन का अंतरिम निदेशक बनाने वाले केंद्र के फैसले को लेकर कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर कोर्ट ने ये अहम बातें कहीं।
सीबीआई विवाद के बीच वर्मा की याचिका पर तीन जजों ने सुनवाई की। इनमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल रहे। कोर्ट में इस दौरान वर्मा का पक्ष वकील फली एस.नरीमन ने रखा, जबकि मुकुल रोहातगी अस्थाना की ओर से तर्क पेश कर रहे थे। वहीं, सीवीसी के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता थे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर बिहार की राजधानी पटना में भी शुक्रवार सुबह कांग्रेसियों ने सीबीआई दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। वे यहां तख्तियों और बैनरों के जरिए सीबीआई डायरेक्टर को अचानक से छुट्टी पर भेजने को लेकर विरोध जता रहे हैं। कुछ तख्तियों पर तो लिखा मिला- मोदी भगाओ, सीबीआई बचाओ। (फोटोः ANI)
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के डायरेक्टर आलोक वर्मा को अचानक छुट्टी पर भेजने वाले नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस सुबह सवा 11 बजे दिल्ली में मार्च निकालेगी। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी लोधी रोड स्थित दयाल सिंह कॉलेज के पास से इसका नेतृत्व करेंगे, जिसके बाद वह राजधानी स्थित सीबीआई मुख्यालय पहुंच कर प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। प्रदर्शन को लेकर लोधी रोड के आसपास का रास्ता बंद कर दिया गया है।
सीबीआई में मची इसी उथल-पुथल को लेकर मोदी सरकार के फैसले पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने गुरुवार को सवालिया निशान लगाए थे। कांग्रेस का आरोप है कि वर्मा, राफेल डील को लेकर जांच कराने वाले थे लिहाजा उन्हें हटा दिया गया। कांग्रेस ने उन्हें अचानक से छुट्टी पर भेजने को लेकर दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय समेत अन्य राज्यों में बने सीबीआई दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करेगी।
सीबीआई कंट्रोवर्सी पर पहली बार सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था- सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों को हटाने का सरकार का फैसला केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की सिफारिशों पर आधारित है। दोनों ही अधिकारियों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सरकार इस मामले की जांच नहीं कर सकती। जांच का अधिकार सीवीसी के पास है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद नदीम उल हक ने कहा है कि वह दिल्ली में कांग्रेस द्वारा किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। यह मार्च व प्रदर्शन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ होगा, जिसमें उसने अचानक से वर्मा को फोर्स लीव पर भेज दिया था।
दिल्ली में पूर्व अटॉर्नी जनरल व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहातगी के आवास के बाहर सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना। वहीं, पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहातगी ने बताया कि यह सिर्फ एक और केस है। इसमें क्या बड़ा है? यह इतना अहम नहीं है, जितना कि आप लोग सोच रहे हैं।
(फोटोः एएनआई)
24 अक्टूबर की रात सीबीआई डायरेक्टर वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना को फोर्स लीव पर भेज दिया गया था। केंद्र सरकार के इस फैसले के साथ उनकी सभी जिम्मेदारियां ले ली गई थीं। मामले की जांच पूरी न हो जाने तक एम.नागेश्वर राव को संगठन का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया था।
सीबीआई डायरेक्टर को अचानक छुट्टी पर भेजने के केंद्र के फैसले को लेकर कांग्रेस आज जगह-जगह प्रदर्शन करेगी। यूपी की राजधानी लखनऊ में सीबीआई दफ्तर के बाहर इसी के चलते सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्वीट में कहा, ''राफेल घोटाले की जांच ना हो, लिहाजा पीएम ने सीबीआई प्रमुख को असंवैधानिक तरीके से हटा दिया। सीबीआई को पूरी तरह नष्ट किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी, कल इसके विरोध में देश के हर CBI दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करेगी। मैं दिल्ली स्थित CBI मुख्यालय पर सुबह 11 बजे से इसका नेतृत्व करूंगा।