CBI arrested Rishi Kamlesh Agrawal In Bank Fraud Case: सीबीआई ने 28 बैंकों से 22,842 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में बुधवार को सूरत की एबीजी शिपयार्ड (ABG Shipyard) लिमिटेड कंपनी के संस्थापक-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल (Rishi Kamlesh Agrawal) को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी कंपनी को आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लोन दिया गया था। इसमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा दिया गया 2,468.51 करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल है, जिसकी शिकायत पर उनके खिलाफ सबसे पहले केस दर्ज हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि कंपनी के मालिकों ने कर्ज का उपयोग उन उद्देश्यों के लिए नहीं किया, जिनके लिए बैंकों ने उन्हें इतना बड़ा लोन दिया था।

ऑडिटर सर्विस प्रोवाइडर ‘अर्न्स्ट एंड यंग’ द्वारा फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि 2012 और 2017 के बीच आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ मिलीभगत कर अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें कोष का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है। इससे पहले ऋषि कमलेश अग्रवाल और उनके आठ अन्य सहयोगियों के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों में मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई ने सभी लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सबसे पहले सीबीआई के पास शिकायत दर्ज कराई थी

इस मामले में पहली बार 8 नवंबर 2019 को सीबीआई ने शिकायत की थी। करीब डेढ़ साल तक जांच-पड़ताल करने के बाद सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को रिपोर्ट दर्ज की। कंपनी को लोन देने वालों में सबसे पहले आईसीआईसीआई और आईडीबीआई बैंक थे। हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एसबीआई सबसे बड़ा ऋणदाता था, सीबीआई के पास एसबीआई ने शिकायत दर्ज कराई थी।  

निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के 28 बैंकों ने लोन दिया था

कंपनी ने स्टेट बैंक से 2,925 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक से 7,089 करोड़, आईडीबीआई बैंक से 3,634 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1,614 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक से 1,244 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक से 1,228 करोड़ का कर्ज लिया। इस तरह से कंपनी ने कुल 28 बैंकों से कर्ज लिया था।  

एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड की शुरुआत साल 1985 में हुई थी। गुजरात के दाहेज और सूरत में एबीजी समूह की यह शिपयार्ड कंपनी पानी के जहाज बनाने और उनकी मरम्मत का काम करती है। कंपनी अब तक 165 जहाज बना चुकी है।