फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नेपाली नागरिकों को पासपोर्ट जारी करने के मामले में सीबीआई ने कलकत्ता स्थित रीजनल पासपोर्ट दफ्तर के चार कर्मियों को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक उत्तम कुमार, देबाशीष भट्टाचार्जी और निशित बरन साहा के अलावा स्टेनोग्राफर मनीष कुमार गुप्ता शामिल है। सभी को हाल ही में गंगटोक की एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 25 अक्टूबर तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
सीबीआई ने इससे पहले इस मामले में दो क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारियों और चार एजेंटों को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि ये सभी उस रैकेट का पर हिस्सा थे जिसने भारी रिश्वत लेकर फर्जी पहचान पहचान पत्रों के आधार पर पिछले दो महीनों में नेपाली नागरिकों के 60 पासपोर्ट आवेदनों को आगे बढ़ाया था। इन पहचान पत्रों में आवदेकों को स्थानीय निवासी बताया गया था।
एजेंसी का आरोप है कि आवेदन बिचौलियों के जरिये जुटाए गए थे। आरोपी नेपाली नागरिकों के लिए फर्जी पहचान पत्र भी तैयार करते थे। वो गंगटोक में पासपोर्ट लघु सेवा केंद्र में जमा कराते थे। गंगटोक स्थित पासपोर्ट लघु सेवा केंद्र में कोलकाता के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के कर्मियों को बारी-बारी से तैनात किया जाता था।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि एजेंटों ने पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर पुलिस सत्यापन और डाक अधिकारियों को भी प्रभावित किया। एक बार प्रक्रिया पूरी होने के बाद एजेंटों ने डाकिया को रिश्वत दी जो उन्हें पासपोर्ट दे देता। एजेंटों ने इन पासपोर्टों को व्यक्तिगत रूप से आवेदकों को सौंपकर उनसे पैसे लिए। सारी रकम को गंगटोक, सिलीगुड़ी और कोलकाता में अधिकारियों के बीच वितरित किया।