सीबीआई ने INX मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि मोबाइल फोन जब्त करने के बाद भी यदि आरोपी कहे कि ‘मैं पासवर्ड नहीं दूंगा, भाड़ में जाओ तुम’ तो इसे भी सहयोग न करना ही कहा जाएगा। वहीं, कार्ति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सहयोग न करने और सवालों का गोलमोल जवाब देने की सीबीआई की दलील को खारिज किया है। कार्ति ने कहा, ‘मैं आपकी (सीबीआई) हिरासत में इसलिए नहीं हूं कि आपके मनमाफिक जवाब दूं। मैं यदि चुप हूं तो इसका यह मतलब नहीं है कि मैं गोलमोल जवाब दे रहा हूं और सहयोग नहीं कर रहा।’ सिंघवी ने कहा कि सीबीआई उनके मुवक्किल का रिमांड बढ़ाने के पक्ष में एक भी आधार या लिखित कारण नहीं दे सकी। बता दें कि जांच एजेंसी शुरुआत से ही कार्ति चिंदबरम पर पूछताछ और जांच में सहयोग न करने का आरोप लगा रही है।
After seizing of mobile, if the accused says "I will not give my password, you go to hell", this is also called non cooperation: Additional Solicitor General (ASG) Tushar Mehta, counsel for CBI
— ANI (@ANI) March 6, 2018
Indrani Mukharjea's statement is one of the evidences for us, but it's not the sole one: Tushar Mehta, counsel for CBI
— ANI (@ANI) March 6, 2018
Abhishek Singhvi, lawyer of #KartiChidambram in #INXMediaCase counters CBI's claim that Karti is not co-operating & is being evasive and said "I am not in the custody to answer what you want. If I am silent, that does not mean I am evasive and non cooperative"
— ANI (@ANI) March 6, 2018
Argued CBI hasn't given a single ground or written a single reason in its application for further remand. #KartiChidambram only had a 25-minute long confrontation with Indrani Mukerjea &around 2 hrs long interrogation in last 5 days & there is no need of further custody:A Singhvi pic.twitter.com/38Lm70RSH1
— ANI (@ANI) March 6, 2018
CBI gave no reasons but kept repeating orally that we have to interrogate. Court will pronounce judgement at around 4:30 pm today: A Singhvi, #KartiChidambram's lawyer in #INXMediaCase pic.twitter.com/nSSyrugy62
— ANI (@ANI) March 6, 2018
सीबीआई की ओर से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी का बयान महत्वपूर्ण सबूत है। उनके अनुसार, कार्ति के खिलाफ अन्य साक्ष्य भी हैं। वहीं, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जांच एजेंसी ठोस वजह बताए बगैर सिर्फ पूछताछ के लिए कार्ति को रिमांड पर लेने की बात दोहराती रही। उन्होंने कहा कि पिछले पांच दिनों में कार्ति का 25 मिनट के लिए इंद्राणी मुखर्जी सामना कराया गया और तकरीबन दो घंटे तक पूछताछ की गई। ऐसे में कार्ति को अब और हिरासत में रखने की कोई जरूरत नहीं है। कार्ति ने खुद को राजनीतिक तौर पर परेशान करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले में जमानत की अर्जी दाखिल कर रखी है। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने मनीलांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की संभावित गिरफ्तारी से संरक्षण की उनकी मांग ठुकरा दी थी। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि इससे लंबित केस पर असर पड़ेगा। अदालत ने कार्ति चिदंबरम को उनके पिता एवं कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम और मां नलिनी चिदंबरम से 10 मिनट तक मिलने की अनुमति दी। बता दें कि INX मीडिया मामले में कार्ति चिदंबरम को चेन्नई एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। वह पिछले पांच दिनों से सीबीआई की हिरासत में हैं।