सीबीआई ने गुरुवार को कोलकाता में टीएमसी नेता विनय मिश्रा के दो ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी पश्चिम बंगाल में की जारी रही पशु तस्करी और अवैध कोयला खनन के सिलसिले में की गई। इस बीच मिश्रा के खिलाफ सीबीआई ने लुक आउट नोटिस भी जारी किया है। फिलहाल मिश्रा फरार है। इस मामले पर ट्वीट करते हुए बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ”बंगाल के एक पॉवर ब्रोकर विनय मिश्रा के यहाँ सीबीआई के छापे के बाद बंगाल के उच्च अधिकारियों की आपातकालीन बैठक और मुख्यमंत्री के यहाँ हलचल, प्रदेश में चर्चा का विषय है!”
गौरतलब है कि CBI, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग मिश्रा के खिलाफ करोड़ों के घोटाले की जांच कर रहे हैं। सीबीआई ने सोमवार को कोलकाता में मिश्रा के दो ठिकाने तलाशे थे। रविवार को एजेंसी ने दो पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की थी। दोनों पुलिसकर्मी मालदा में तैनात थे। बता दें कि मवेशी तस्करी मामले में मोहम्मद इनामुल हक का भी नाम सामने आया है। मामले में एजेंसी राज्य सरकार के बड़े अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है।
पिछले महीने 5 नवंबर को एजेंसी ने दो चार्टर्ड एकाउंटेंट के ठिकानों की तलाशी ली थी। सीबीआई ने मोहम्मद इनामुल हक को नवंबर में दिल्ली से गिरफ्तार किया था। 21 सितंबर को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में हक एक प्रमुख आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
यहां तक कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) के कमांडेंट सतीश कुमार, जो इस समय रायपुर में तैनात हैं, को भी एफआईआर में नामित किया गया है। दोनों के अलावा, सीबीआई की FIR में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात उन अधिकारियों के भी नाम हैं जो इस अवैध कारोबार से जुड़े थे। मामले में सीबीआई पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में 15 स्थानों की तलाशी ले चुकी है।
सीबीआई की FIR में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के जवान रिश्वत लेने के बाद मवेशियों की तस्करी होने देते थे। एफआईआर में कहा गया है कि मामले में कस्टम अधिकारी भी रिश्वत लेते थे।
एजेंसी के मुताबिक बीएसएफ अधिकारी के बेटे भुवन भास्कर, मोहम्मद इनामुल हक की कंपनी में काम करते थे। भुवन को मई 2017 से दिसंबर 2017 के बीच हक ने वेतन के रूप में 30,000 से 40,000 रुपये दिए थे।

