पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने बेटे के फ्लॉप होने के बाद नाती पर राजनीतिक दांव खेला है। उन्‍होंने 27 साल के निर्वाण‍ सिंह को राजनीति में उतार दिया है। निर्वाण की मां जय इंदर कौर कैप्‍टन अमरिंदर की छोटी बेटी हैं।

उनकी राजनीति में कोई दिलचस्‍पी नहीं है और उनके भाई रनिंदर सिंह दो बार चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में निर्वाण को कैप्‍टन अमरिंदर का राजनीतिक वारिस माना जा रहा है। फिलहाल वह नाना के साथ रैलियों और बैठकों में शामिल होते रहे हैं और कैप्‍टन अमरिंदर का सोशल मीडिया प्रोफाइल मैनेज कर रहे हैं।
हाल ही में वंशवाद के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले अमरिंदर ने एलान किया था कि उनके बेटे रनिंदर की राजनीति में दिलचस्‍पी नहीं है। उन्‍होंने इंडियन एक्‍सप्रेस से कहा था कि रनिंदर का पहला प्‍यार निशानेबाजी है और वह उसमें काफी अच्‍छा कर रहे हैं।

बता दें कि रनिंदर ने 2014 में भटिंडा से हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था। 2012 में उन्‍होंने समाना विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ा था। पर दोनों ही प्रयासों में वह नाकाम रहे। समाना विधानसभा क्षेत्र में अमरिंदर के भाई मालविंदर सिंह की अच्‍छी पैठ मानी जाती थी।

वह वहां से टिकट के दावेदार भी माने जा रहे थे, पर अमरिंदर की पत्‍नी प्रिनीत कौर ने अपने प्रभाव का इस्‍तेमाल कर हाईकमांड से बेटे रनिंदर के लिए टिकट का जुगाड़ करा लिया था। इसके बाद मालविंदर ने कांग्रेस छोड़ कर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का दामन पकड़ लिया था।

अमरिंदर की पत्‍नी ने बेटी जय इंदर कौर को भी राजनीति में लाने की कोशिश की थी। उन्‍होंने उन्‍हें अपना राजनीतिक अभियान संभालने की जिम्‍मेदारी सौंपी थी। पर जय इंदर की रुचि राजनीति में नहीं थी। इसलिए वह सक्रिय राजनीति से दूर ही रहीं। लेकिन उनका बेटा निर्वाण नाना के साथ राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होता रहा है।

कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ अमरिंदर की बैठकों में भी निर्वाण लगातार शामिल होते हैं। निर्वाण यूके स्थित एक यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस में पोस्‍ट ग्रेजुएट हैं। यह पूछे जाने पर कि क्‍या राजनीति में अपने आप को स्‍थापित करना उनका सपना है, निर्वाण ने कहा- ऐसा कुछ नहीं है। मैं यूके से लौटा तो देखा कि मेरे नाना सोशल मीडिया की ताकत का सही इस्‍तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। तो मैं उनका ट्विटर और फेसबुक अकाउंट संभालने लगा।’