कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु की सड़कों की खराब हालत को लेकर नगर निगम अधिकारियों को फटकार लगाई और उन्हें गड्ढे भरने और शहर की सभी सड़कों को वाहनों के चलने लायक बनाने के लिए एक महीने का वक्त दिया। जीबीए की पहली बैठक में नाराज मुख्यमंत्री ने इंजीनियरों से पूछा, “अगर आप गड्ढे नहीं भर सकते तो आपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई क्यों की? आपकी निष्क्रियता के कारण सरकार का मजाक उड़ाया जा रहा है। क्या आपको शर्म नहीं आती?”

टॉइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जब कुछ अधिकारियों ने दावा किया कि सड़क की मरम्मत का काम चल रहा है, तो मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, “यहां तक ​​कि तथाकथित मरम्मत भी अवैज्ञानिक और घटिया स्तर की है।” मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “क्या आपको लोगों की परेशानी दिखाई नहीं देती है? अगर ऐसा ही चलता रहा, तो मेरे पास आप सभी को सस्पेंड करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। अगर हर गड्ढा तुरंत नहीं भरा गया, तो सभी निगमों के चीफ इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया जाएगा। कोई बहाना नहीं चलेगा।”

शहर के अलग-अलग हिस्सों में 14795 गड्ढों की पहचान की गई

बैठक में पेश किए गए नगरपालिका के आंकड़ों के मुताबिक, ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी 1,648.43 किलोमीटर मुख्य सड़कों और 46.61 किलोमीटर हाई-डेंसिटी वाले कॉरिडोर सड़कों की देखरेख करता है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में 14795 गड्ढों की पहचान की गई है। 6749 गड्ढे पहले ही भर दिए गए हैं, जबकि 8046 गड्ढे अभी भी बचे हैं और अक्टूबर के आखिर तक उन्हें भर दिया जाना है।

अब तक 108 किलोमीटर सड़क की सफेदी हो चुकी है और 143 किलोमीटर पर काम जारी है। डामर बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है। 401 किलोमीटर सड़कों पर डामर बिछ चुका है और 440 किलोमीटर पर काम जारी है। कुल मिलाकर, 584 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों पर सुधार कार्य हो रहा है। मुख्य सड़कों पर गड्ढों की मरम्मत के लिए 2025-26 के बजट में 18 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और नगर निगमों को जरूरी कामों के लिए एक्सट्रा 25 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। जेटपैचर तकनीक के लिए 2.50 करोड़ रुपये का टेंडर भी प्रगति पर है। इसके अलावा, BWSSB और मेट्रो के कामों की वजह से कुछ इलाकों जैसे इबलुर, अगरा, वीरन्नापाल्या, नागवारा और हेब्बल के चौराहे खराब हो गए हैं। इन जगहों को 400 करोड़ रुपये की आउटर रिंग रोड परियोजना के तहत दोबारा बनाया जाएगा।

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