Canada VISA: कनाडा पढ़ने गए पंजाब के 700 विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है। कनाडा सरकार इन छात्रों को डिपोर्ट करने जा रही है। 700 से अधिक भारतीय छात्रों को कनाडाई सीमा सुरक्षा एजेंसी (CBSA) से निर्वासन पत्र प्राप्त हुआ है। इसका मतलब यह है कि अब यह छात्र भारत भेज दिए जाएंगे। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा आखिर क्यों हुआ है और इन छात्रों ने ऐसी कौनसी गलती कर दी है?

इन छात्रों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ के पीछे बृजेश मिश्रा नाम के एक शख्स का हाथ है। वह जालंधर में मौजूद एजुकेशन माइग्रेशन सर्विसेज का प्रमुख है। छात्रो ने यहीं से स्टडी वीजा प्राप्त किया था। यह वीजा फर्जी पाया गया और अब इन छात्रों को वापस भारत लौटने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

पहले भी पड़ चुका है बृजेश मिश्रा पर छापा

बृजेश मिश्रा कथित तौर पर कई महीनों से अपने कार्यालय में नहीं दिखाई दिया है। उससे जुड़ी तमाम वेबसाइट भी बंद हो गयी हैं जहां छात्र वीज़ा के लिए अप्लाई करते थे। यह पहली बार नहीं है जब मिश्रा पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है। इससे पहले भी उसे 2013 में छात्रों को विदेश भेजने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उस समय वह अन्य निदेशकों के साथ ‘ईज़ी वे इमिग्रेशन कंसल्टेंसी’ नामक एक कंपनी चला रहा था। पुलिस ने उसके कार्यालय पर छापा मारा था नकदी, पासपोर्ट और छात्रों की फर्जी फाइलें बरामद की थी।

पुलिस के मुताबिक ‘ईजीवे इमिग्रेशन कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ 12 नवंबर 2010 रजिस्टर कराई गयी एक निजी कंपनी थी। इसे जालंधर के ग्रीन पार्क क्षेत्र में स्थित एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया गया था। बाद में इसे बंद कर दिया गया था।

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बृजेश मिश्रा ने 2014 जालंधर में एक और कंपनी शुरू की थी। जिसका नाम एजुकेशन माइग्रेशन सर्विसेज रखा था। इस कंपनी के जरिए बेहतर पढ़ाई के लिए आसान तरीके से विदेश भेजने के दावे किए गए थे। बृजेश मिश्रा ने दिल्ली तक अपने तार फैलाए हुए थे।

जिन छात्रों को कनाडाई सीमा सुरक्षा एजेंसी (CBSA) से निर्वासन पत्र प्राप्त हुआ है। वह बृजेश मिश्रा के जरिए ही कनाडा गए थे। इसके लिए बृजेश मिश्रा ने ओंटारियो के हंबर कॉलेज में प्रवेश शुल्क सहित प्रति छात्र 16 लाख रुपये से अधिक का शुल्क लिया था। हालांकि इन छात्रों को कनाडा पहुँचने पर उन कॉलेज में एडमिशन ही नहीं मिला जिसके लिए उन्हें वहां भेजा गया था।