देश में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना यहां हजारों की संख्या में लोग संक्रमित पाये जा रहे है। इसी बीच देश में वैक्सीन बनाने की दौड़ में सबसे आगे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन चल रही है। वैक्सीन से जुड़ी कुछ बड़ी बातों के बारे में एबीपी न्यूज़ के वरिष्ठ पत्रकार दिबांग ने एक वीडियो के माध्यम से बताया। दिबांग ने बताया कि अगर वैक्सीन भारत आ जाती है तो सरकार के लिए क्या बड़ी चुनौतियां होंगी। क्या लोगों को वैक्सीन मुफ्त में मिलेगा?
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ड्रगमेकर एस्ट्राज़ेनेका द्वारा विकसित किए जा रहे कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनकी कंपनी एसआईआई वैक्सीन के लिए इमरजेंसी लाइसेन्स के कागजात तैयार करने में जुटी है। दो हफ्तों में कंपनी इसके लिए अप्लाई कर देगी। कंपनी के पास वैक्सीन के सुरक्षित और कारगर होने के पुख्ता आंकड़े हैं और उनको इमरजेंसी में इस्तेमाल होने कि अनुमति में ज्यादा वक़्त नहीं लगेगा।
पूनावाला ने कहा, ”पीएम मोदी से वैक्सीन की तैयारी को लेकर बात हुई। तीसरे चरण के ट्रायल पर हमारी नजर है। पीएम मोदी के सभी वैक्सीन कमियां और ताकत बताई। सीरम इंस्टीट्यूट सबसे पहले देश के लिए वैक्सीन बनाएगा।” अदार पूनावाला ने कहा, ”ऑक्सफोर्ड से जुड़ी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, हम हर रोज पांच से छह करोड़ डोज बना रहे हैं। लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के इंतजान किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी वैक्सीन की तैयारियों से संतुष्ट नजर आए। जुलाई तक हमारा तीस से चालीस करोड़ वैक्सीन बनाने का लक्ष्य है।”
अदार पूनावाला ने कहा, “अब तक, हमारे पास भारत सरकार की तरफ से लिखित में कुछ भी नहीं है कि वे कितनी खुराक खरीदेंगे लेकिन संकेत है कि यह जुलाई, 2021 तक 300-400 मिलियन खुराक होगी।” उन्होंने आगे कहा, “हम आपातकालीन उपयोग के लिए अगले दो हफ्तों में आवेदन करने की प्रक्रिया में हैं।”
वैक्सीन उपलब्ध होने पर क्या यह फ्री में मिलेगी? इसको लेकर कई लोगों के मन में ढेरों सवाल हैं। दिबांग ने अपने वीडियो में बताया कि देश में 1985 से चल रहे सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunisation Programme) के तहत सरकार टीबी, हेपेटाइटिस बी, खसरा जैसी बीमारियों के टीके मुफ्त में लगाती है। इसके अंतर्गत टीके के जरिये रोके जा सकने वाले 12 रोगों के लिए और गर्भवती स्त्रियों और शिशुओं का मुफ्त टीकाकरण होता है। ऐसे में सरकार कोरोना वैक्सीन भी गरीब और कमजोर तबके के लोगों को मुफ्त में दे सकती है।

