महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में BJP अपने शानदार प्रदर्शन से आत्मविश्वास से लबरेज नज़र आ रही है। इस बात का अंदाज़ा सूत्रों के हवाले से सामने आ रही इस खबर से लगाया जा सकता है, कि बीजेपी आगामी निकाय चुनाव में अपने गठबंधन सहयोगियों से अलग होकर चुनावी मैदान में दिखाई दे सकती है। BJP को विधानसभा चुनाव में 133 सीटें मिली थीं। चुनाव के दौरान ऐसा माना गया कि RSS की रणनीति के रहते BJP को यह सफलता मिली।
अब निकाय चुनाव के लिए भी RSS ने BJP के लिए माहौल बनाना तैयार कर दिया है। शुरुआती खबरें हैं कि BJP को अपनी ताकत दिखाने के लिए एकनाथ शिंदे और अजित पवार से अलग चुनाव लड़ने के लिए कहा जा रहा है।
क्यों BJP अकेले लड़ सकती है निकाय चुनाव?
भाजपा ने महाराष्ट्र निकाय चुनावों से पहले अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है। पार्टी ने एक मजबूत सदस्यता अभियान के साथ-साथ बूथ, मंडल और जिलों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए अपनी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब सवाल यह आता है कि बीजेपी अकेले क्यों चुनावी मैदान में उतरने वाली है? इसका सीधा सा जवाब है महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में BJP को मिली जीत। इस जीत का आत्मविश्वास को साथ लेकर बीजेपी अकेले के दम पर चुनाव लड़ कर एक संदेश देने की कोशिश में है।
शिवसेना (UBT) भी अलग मूड में?
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर अपनी पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए तीन दिवसीय कवायद शुरू की है। शिवसेना (UBT) विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब निकाय चुनाव में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की ओर ध्यान दे रही है। मुंबई में अगले साल (2025) में नगर निकाय चुनाव होने की संभावना है।
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एमवीए हालांकि राज्य की 288 विधानसभा सीट में से केवल 46 सीट ही जीत पाई, जिनमें से 20 सीट पर शिवसेना (यूबीटी) ने विजय हासिल की थी। मुंबई की 36 विधानसभा सीट में से शिवसेना (यूबीटी) ने 21 सीट पर चुनाव लड़ा था और 10 पर जीत हासिल की थी।