कलकत्ता हाई कोर्ट ने TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी का मजाक बनाने के आरोपी एक शख्स को राहत देते हुए मुकदमा ही खारिज कर दिया है। बेंच ने कहा कि शख्स के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं का मजाक बनाने के आरोप में कोई ऐसा पुख्ता सबूत नहीं मिला है कि केस चलाया जाए।
शख्स पर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और अन्य राजनीतिक नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और उनका मजाक उड़ाने का आरोप था।
बिना किसी सबूत के चार्जशीट दाखिल कर देने से केस आगे नहीं बढ़ाया जा सकता- कलकत्ता HC
जस्टिस अजय कुमार गुप्ता ने केस की सुनवाई करते हुए कहा, ‘केस डायरी और उपलब्ध सबूतों की विस्तार से जांच करने के बाद आरोपी के खिलाफ प्रथमदृष्टया कोई मामला नहीं बनता। बिना किसी सबूत के ही चार्जशीट भर दाखिल कर देने से केस आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। अगर केस चलाया भी जाए तो इस बात की संभावना बहुत कम है कि आरोपी के खिलाफ कोई आरोप साबित हो सकेगा। इसके अलावा ऐसा करना आरोपी के खिलाफ पूर्वाग्रह रखना और उसका उत्पीड़न करने जैसा होगा। इसलिए, आपराधिक कार्यवाही जारी रखना न्यायोचित नहीं होगा और न्याय के उद्देश्यों को सुरक्षित करने के लिए, कार्यवाही को रद्द किया जाना उचित है।’
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ममता बनर्जी और अन्य नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का मामला
शख्स पर आरोप लगाया गया था कि 2022 में उसने अन्य व्यक्तियों के साथ राज्य की मुख्यमंत्री के खिलाफ यूट्यूब पर अपमानजनक भाषण प्रसारित किया और लोगों को बदनाम करने और समाज के भीतर सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालकर शांति भंग करने के एकमात्र इरादे से उनका और अन्य राजनीतिक नेताओं का मजाक उड़ाया।
जिसके खिलाफ आरोपी ने सेक्शन 482 के तहत अदालत का रुख किया था और कहा था कि मेरे खिलाफ दर्ज केस को खत्म किया जाए। आरोपी ने कहा कि उसने यूट्यूब पर कोई बात कही थी और उसी के आधार पर साजिश रचते हुए कुछ लोगों ने उन्हें फंसा दिया। आरोपी ने कहा कि मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि किसी का अपमान किया जाए। उस पर इस आरोप में केस दर्ज हुआ था कि उसकी टिप्पणी से सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने खारिज किया मुकदमा
आरोपी ने कहा कि वह पूरी तरह से निर्दोष है। मेरा उस कृत्य में कोई रोल ही नहीं है, जिसके आधार पर मेरे ऊपर केस दर्ज किया गया है। उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है, जबकि कथित अपराध में उसकी कोई भूमिका नहीं है। आरोपी ने कहा कि मेरा उत्पीड़न करने के उद्देश्य से फर्जी केस दायर किया गया है, जिसका उद्देश्य मुझसे बदला लेना है। यही नहीं आरोपी का कहना था कि बिना पर्याप्त जांच के ही अधिकारी ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी। मेरे ऊपर आरोप लगाया कि मैंने सीएम पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जबकि ऐसा कुछ भी मेरी ओर से कहा भी नहीं गया था। इस पर बेंच ने सहमति जताई और कहा कि अगर इस केस को आगे बढ़ाया गया तो यह याची का उत्पीड़न होगा। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स