निवर्तमान खेल मंत्री विजय गोयल ने खेल एवं युवा मामलों के मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल को सफल बताते हुये कहा कि सरकार अकेले देश में खेल संस्कृति का निर्माण नहीं कर सकती। मंत्रिमंडल विस्तार में खेल मंत्रालय की जगह संसदीय कार्य राज्य मंत्री का प्रभार दिये जाने पर गोयल ने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री मुझे किसी और मंत्रालय की जिम्मेदारी देना चाहते है तो मुझे वह स्वीकार करना होगा। अगर मेरा कामकाज अच्छा नहीं होता तो वह मुझे मंत्रालय से हटा देते लेकिन मेरा कार्यकाल सफल रहा इसलिये मुझे दूसरे मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी।’’ गोयल ने कहा कि उन्होंने अपने 13 महीने के कार्यकाल में भारतीय खेल व्यवस्था में साकारात्मक बदलाव लाने के लिये काम किया । जुलाई 2016 में खेल मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले गोयल ने अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुये कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि देश में खेल संस्कृति का विकास हो लेकिन यह काम सरकार अकेले नहीं कर सकती। घर में अभिभावकों और स्कूल में शिक्षकों को बच्चों को खेल के प्रति प्रोत्साहित करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे कार्यकाल में हर हितधारक का ध्यान रखकर मंत्रालय ने (लंबित) खेल संहिता को तैयार करने में काफी प्रगति की है। यह अभी उच्च न्यायालय के पास है, हमें जल्द ही इसके कार्यान्वयन को देखना चाहिए। हमने ओलंपिक कार्य बल बनाया जिसमें कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। वे उम्दा सुझाव देते हैं, जो खेलों को आगे ले जाने में मदद कर सकता है। राष्ट्रीय प्रतिभा खोज पोर्टल भी मंत्रालय की अच्छी पहल में से एक है।’’
मोदी ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल में प्रदर्शन के आधार पर फेरबदल व विस्तार किया। इसमें निर्मला सीतारमण को रक्षामंत्री बनाया गया है। मोदी ने तीन अन्य को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नति दी और अपने कैबिनेट में नौ नए चेहरों को शामिल किया। मंत्रिमंडल में शामिल नौ नए चेहरों में से चार पूर्व नौकरशाह हैं। बिजली मंत्री पीयूष गोयल को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से पदोन्नति देकर रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। रेल मंत्रालय से सुरेश प्रभु को वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय भेज दिया गया है। प्रभु से पहले वाणिज्य मंत्रालय का प्रभार सीतारमण के पास था। प्रभु ने उत्तर प्रदेश में हुए एक बड़े रेल हादसे के बाद इस्तीफा देने का प्रस्ताव दिया था। इस रेल हादसे में बीते महीने 23 लोगों की मौत हो गई थी।
प्रोन्नत मंत्रियों व नए चेहरों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में हुए 35 मिनट के समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद व कुछ नए मंत्रियों के परिवार के सदस्य मौजूद थे।
