नागरिकता कानून को लेकर हो रहा विवाद देश में थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिन जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कैंपस में पुलिस के घुसने के खिलाफ छात्रों ने पहले रातभर दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और अब जामिया में कुछ छात्र शर्ट उतारकर विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस प्रोटेस्ट की शुरुआत शहजाद नाम के एक छात्र ने की। वे गेट पर शर्ट उतार कर बैठ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शहजाद का कहना था कि वे पुलिस का इंतेजर कर रहे हैं इसलिए वे पहले से शर्ट उतार कर बैठे हैं कि पुलिस आए और उन्हें मारे।
शहजाद पुलिस का विरोध करते हुए काफी देर तक कड़ाके की ठंड में गेट के बाहर बैठे रहे। बाद में समझाने पर वह तो वहां से हट गया लेकिन बाद में कई दूसरे छात्रों ने भी शर्ट उतारकर विरोध करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि कल की हिंसा के लिए पुलिसवालों पर कार्रवाई की जाए। शहजाद ने पुलिसिया हिंसा की मजिस्ट्रेट से जांच कराने की मांग की है।
बता दें बीते दिन सड़कों पर आगजनी के बाद पुलिस जामिया विश्वविद्यालय के परिसर में घुस गई जहां हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने को लेकर कई लोगों को हिरासत में ले लिया। हालांकि, जामिया छात्र संघ ने बयान जारी कर नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से खुद को अलग कर लिया है। छात्रों के समूह ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन में ‘‘कुछ खास तत्व’’ शामिल हो गए और उन्होंने इसे ‘‘बाधित’’ किया।
छात्रों ने बताया कि उनके कई साथियों को विश्वविद्यालय के पुस्ताकालयों में छिपना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस वहां भी घुस गई और उन पर हमला किया। पुलिस के साथ युवक छात्रावासों से बाहर आते दिखे जिनके हाथ ऊपर की तरफ उठे हुए थे। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ ‘‘आपात’’ प्रदर्शन के तौर पर रविवार देर रात को सैकड़ों छात्र आईटीओ पर स्थित दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय पर पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाए और विश्वविद्यालय में घुसने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।