दिल्ली के शाहीन बाग की तरह ही जाफराबाद में भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है। पिछले डेढ़ माह से जाफराबाद रोड पर धरने पर बैठी महिलाएं शनिवार देर रात जाफराबाद मुख्य सड़क पर उतर आईं। जिसके चलते दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है।
शनिवार रात जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के निकट लगभग 500 लोग इकट्ठा हुए जिससे एक मुख्य सड़क अवरूद्ध हो गई। करीब साढ़े दस बजे धरने पर बैठी महिलाएं जाफराबाद मुख्य सड़क पर आ गईं और मेट्रो स्टेशन के पास जाम लगा दिया। आधे घंटे तक महिलाओं ने सड़क को बंद कर दिया।
मुख्य मार्ग होने की वजह से वहां लंबा जाम लग गया। इसके बाद पुलिस बल ने महिलाओं को समझाने की कोशिश की। नाकाम होने पर पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। इसके बावजूद महिलाएं कभी गली तो कभी सड़क पर आकर नारेबाजी करने लगीं जो देर रात तक जारी था।
रातभर चले प्रदर्शन के बाद रविवार को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए। इस स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव भी नहीं होगा। इस बात की जानकारी दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्वीट कर दी। डीएमआरसी ने लिखा “जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं। इन स्टेशनों पर ट्रेन नहीं रुकेगी।”
Delhi Metro Rail Corporation (DMRC): Entry & exit of Jaffrabad have been closed. Trains will not be halting at this station. https://t.co/b9WYsp3lhI pic.twitter.com/HHII7vLxCK
— ANI (@ANI) February 23, 2020
विरोध प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने तिरंगा लेकर ‘आजादी’ के नारे लगाए और सरकार से सीएए को वापस लेने की मांग की। कानून-व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। प्रदर्शनकारियों के सड़क पर बैठने की वजह से इधर से लोगों की आवाजाही बंद हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सीलमपुर को मौजपुर और यमुना विहार से जोड़ने वाली रोड नंबर 66 को जाम कर दिया है।
ऐसा ही एक प्रदर्शन पिछले दो महीने से शाहीन बाग में चल रहा है। शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने नोएडा से फरीदाबाद जाने वाली सड़क को जाम कर रखा था। शनिवार को हालांकि एक सड़क को खाली कर दिया है। पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज की ओर जाने वाली एक सड़क के एक छोटे हिस्से को खोला था ताकि स्थानीय लोग अपने दोपहिया वाहनों से वहां से गुजर सके। शाहीन बाग में सड़क खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार लगातार कोशिश कर रहे हैं।