नागिरकता संशोधित कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान आम संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर मुजफ्फरनगर एडीएम ने 53 लोग के नाम भरपाई करने को लेकर नोटिस जारी किया है। इन लोगों से कुल 23.41 लाख की भरपाई की जानी है। एडीएम अमित सिंह ने यह आदेश एक महीने बाद जारी किया है इससे पहले उन्होंने इन लोगों से जवाब मांगा था। इन 53 प्रदर्शनकारियों में एक 14 साल के बच्चे का भी नाम है। 14 साल का यह बच्चा बोर्ड परीक्षा की तैयारियां कर रहा है। गिरफ्तारी के डर से बच्चे ने ट्यूशन जाना भी छोड़ दिया है वह अपना घर छोड़कर अपने दादा जी के घर रहने लगा है।
बच्चे के पिता किराने की दुकान चलाते हैं और उन्होंने पूरी कहानी बताई। अपने बच्चे को नाबालिग साबित करने के लिए बच्चे के पिता ने एडीएम के सामने उसके स्कूल के दस्तावेज रखे। पिता का कहना है कि,’ एफआईआर में मेरे बच्चे का नाम नहीं है लेकिन इसके बाद भी हमें नोटिस भेजा गया है। हमें एडीएम से बात भी नहीं करने दी गई। उन लोगों ने कोर्ट में हमें वीडियो दिखाया। मैंने कहा भी कि मेरा बच्चा नाबालिग है, हमने सारे सबूत भी दिखाए लेकिन उन लोगों ने नहीं सुनी और हमारा हस्ताक्षर लेकर हमसे जाने को कहा।’
बच्चे का कहना है कि वह हमेशा मदीना चौक स्थित मस्जिद में नामाज पढ़ने जाता था। शुक्रवार को जब वह नमाज पढ़कर निकल रहा था तो उसने देखा कि पुलिस लाठीचार्ज कर रही थी। वह डर गया और वहां से भाग निकला। बच्चे का कहना है कि वह किसी भी तरह के प्रदर्शन में शामिल नहीं था। बच्चे का सपना है कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बने। उसका कहना है कि क्या यह लोग उसे परीक्षा में बैठने देंगे?आखिर मेरी गलती क्या है?
बता दें कि अपने आदेश में एडीएम सिंह ने कहा कि 1 जनवरी, 2020 को सिविल लाइंस पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 27 लोगों की पहचान की थी। यह लोग आगजनी पथराव और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाने वालों में शामिल थे। हालांकि यह साफ नहीं है कि पुलिस ने 10 दिन बाद उस सूची में 32 अन्य लोगों का नाम किस आधार पर जोड़ दिया।