Citizenship Amendment Act: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजस्थान में भी लोगों का विरोध देखने को मिला। रविवार (22-12-2019) को कांग्रेस, अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने जयपुर में अल्बर्ट हॉल से गांधी सर्किल तक शांति मार्च निकाला। इस मार्च में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हिस्सा लिया। शांति मार्च को देखते हुए पुलिस ने यहां सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये थे। जयपुर शहर में इंटरनेट सेवाएं रात 8 बजे तक बंद कर दी गईं। इसके अलावा दोपहर 2 बजे तक मेट्रो के परिचालन को भी रोक दिया गया था। एहतियात के तौर पर यहां शाम 4 बजे तक बसें भी नहीं चलेंगी।
इस शांति मार्च के जरिए लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून को देश की संविधान की मूलभावना के खिलाफ बताया। सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच सीएम गहलोत ने इस शांति मार्च में हिस्सा लेते हुए सीएए को विभाजनकारी फैसला बताते हुए केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। पुलिस ने बताया कि एहतियात के तौर पर यहां शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद करा दी गई हैं। शांति मार्च के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी ना हो इसके लिए पुलिस ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है और करीब 100 ड्रोन के जरिए यहां कड़ी निगरानी भी की जा रही है।
एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस अजय पाल लांबा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि ‘शांति मार्च में कई लोगों ने हिस्सा लिया। यह मार्च मोती डोंगरी रोड से शुरू हुई और फिर वहां से म्यूजियम रोड रोड होते हुए अल्बर्ट हॉल पहुंची…इसके बाद यह मार्च गांधी सर्किल के पास पहुंचेगा। यह पहुंचकर मार्च एक सभा में तब्दील हो जाएगी।
किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए 13 आईपीएस अधिकारी, 115 आरपीएस अधिकारी, 230 सर्किल ऑफिसर और 7,000 कॉन्सटेबलों की नियुक्ति की गई है। शांति मार्च और इस सभा की सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। पुलिस ने यह भी बताया कि सादे लिबास में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है।
किसी तरह की अफवाहों को बल ना मिले इसके लिए पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी कड़ी नजर रखी है। पुलिस का कहना है कि शांति मार्च के दौरान किसी भी आम नागरिक को समस्या नहीं होगी। पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान ना देनें और शांति बनाए रखने की अपील की है।