नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर के विभिन्न राज्यों में उग्र प्रदर्शन सुर्खियों में रहे। दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में भी इन कानून का विरोध जारी है, जहां रंगोली बनाकर पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देने वाले कानून ‘सीएए’ का विरोध किया गया। प्रदेश की राजधानी चेन्नई में सीएए और एनआरसी का विरोध करते हुए दिवंगत पूर्व सीएम एम करुणानिधी के आवास रंगोली बनाई गई। करुणानिधि के अलावा डीएमके चीफ एमके स्टालिन और डीएमके सांसद कनिमोझी के आवास के बाहर भी सीएए और एनआरसी के विरोध में रंगोली बनाई गई।

उल्लेखनीय है कि चेन्नई में रविवार को रंगोली बनाकर सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे आठ लोगों पुलिस में हिरासत में ले लिया था। हालांकि थोड़ी देर बाद सभी को रिहा कर दिया गया। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया उनमें पांच महिलाएं शामिल थीं। पुलिस ने यह जानकारी दी है। इसी बीच विपक्षी डीएमके ने पुलिस की इस कार्रवाई पर अन्नाद्रमुक सरकार पर निशाना साधा और कहा कि हिरासत में लिए गए लोग सिर्फ प्रदर्शन के अपने अधिकार के तहत ऐसा कर रहे थे।

इस पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन सभी को बिना अनुमति प्रदर्शन करने और अन्य लोगों के लिए असुविधा उत्पन्न करने के आरोप में हिरासत में लिया गया। बता दें कि तमिलनाडु के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक दलों और नागरिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं का संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। रविवार को दक्षिण चेन्नई के बसंत नगर इलाके में आठ लोगों के समूह ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उन्होंने रंगोली बनाकर सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) के प्रति विरोध जताया तथा ‘‘नो टू एनसीआर’’, ‘‘नो टू एनपीआर’’ एवं ‘‘नो टू एनआरसी’’ के नारे लगाए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें चेतावनी देकर बाद में छोड़ दिया।’’ हिरासत में लिए गए लोगों ने आरोप लगाया कि उनके साथ बदसलूकी की गई। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और लोकसभा सदस्य कनिमोई ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है। स्टालिन ने ट्वीट कर अन्नाद्रमुक सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पुलिस लोगों को असमहति जताने के ‘‘संविधान के तहत दिए गए मूलभूत अधिकारों की भी इजाजत नहीं दे रही है।’’ कनिमोझी ने भी सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की। (भाषा इनपुट सहित)