जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई और संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ बढ़ते गुस्से ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में ताजा प्रदर्शनों को हवा दी। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सामने आए। इस मौके पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी इंडिया गेट पर धरना देने पहुंची। लेकिन इंडिया गेट पहुंच प्रियंका नाराज़ हो गईं जिसके चलते महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
दरअसल प्रियंका के के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया तथा देशभर के कई अन्य विश्वविद्यालयों के प्रदर्शनरत छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को इंडिया गेट पर धरना दिया। लेकिन जब प्रियंका वहां पहुंची तो इंडिया गेट में पार्टी के कुछ ही कार्यकर्ता मौजूद थे। जिसे देख प्रियंका नाराज़ हो गईं और स्थिति इतनी शर्मनाक थी कि महिला कांग्रेस प्रमुख सुष्मिता देव को उन्मत्त फोन करना पड़ा और नेताओं को तुरंत इंडिया गेट पहुंचने के लिए कहा। सुष्मिता देव के कॉल आते ही पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इंडियन देत की तरफ रुख किया। सभी वरिष्ठ नेता गिरते-भागते इंडिया गेट पहुंचे।
इस प्रदर्शन के दौरान प्रियंका ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं है और छात्र इस लोकतंत्र के मूल हैं। कांग्रेस महासचिव ने कहा है कि देश गुंडों की जागीर नहीं है। शाम चार बजे से दो घंटे तक मूक प्रदर्शन करने के बाद कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जामिया के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई भारत की आत्मा पर हमला है। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने संविधान पर हमला किया। इसने छात्रों पर हमला किया। यह भारत की आत्मा पर हमला है। युवा देश की आत्मा है। नौजवान देश की आत्मा हैं, उनकों प्रदर्शन करने का अधिकार है, आवाज उठाने का हक है, ये हक उनको संविधान ने दिया है।”
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन कानून भारत के संविधान के खिलाफ है और इसे संविधान को ‘नष्ट’ करने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा “कांग्रेस पार्टी का एक-एक नेता, एक-एक कार्यकर्ता संविधान के लिए लड़ेगा, मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ लड़ेगा, जवाब मांगेगा और छात्र-छात्राओं के साथ खड़ा रहेगा।” प्रधानमंत्री के वक्तव्य से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में प्रियंका ने कहा, “प्रधानमंत्री जी, जो महिलाओं पर रोज-रोज अत्याचार हो रहा है, उस पर बोलें, रोजगार पर बोलें। जो कल यहां विश्वविद्यालय में हुआ, इस पर बोलें। उन बच्चों को किसकी सरकार और पुलिस ने पीटा? इन चीजों पर बोलें प्रधानमंत्री जी। जो डूबती हुई अर्थव्यवस्था है, इस पर बोलें प्रधानमंत्री जी।” इस धरने में प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हुए। इसके अलावा उनके साथ सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता भी थे।