नागरिकता कानून के लेकर मंगलवार को दिल्ली के सीलमपुर इलाके में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव के साथ ही बसों में तोड़फोड़ की। घटना के बारे में एक जख्मी कॉन्स्टेबल ने अपनी आपबीती बताई।

सीलमपुर थाने में तैनात कॉन्स्टेबल दारा सिंह ने कहा कि मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि विरोध प्रदर्शन इतना हिंसक हो जाएगा और सैकड़ों लोग ऐसा रुख इख्तियार कर लेंगे। वे लोग हम पर ईंट और पत्थर बरसाने लगे। हमने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन वे लोग हमारी एक नहीं सुन रहे थे।

दारा सिंह उन 12 पुलिस कर्मियों में से एक हैं जो विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल हुए हैं। दारा सिंह ने बताया कि उन लोगों को अचानक 20 लोगों ने घेर लिया। इसके बाद वे लोग ईंट-पत्थर बरसाने लगे। जब मैं उन्हें समझाने गया तो उन्होंने मुझ पर धावा बोल दिया।

पुलिस ने बताया कि सीलमपुर चौक पर दोपहर 2 बजे 2000 से अधिक प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए। इन लोगों ने करीब एक घंटे तक नए नागरिकता कानून के खिलाफ करीब एक घंटे तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। ईस्टर्न रेंज के जॉइंट कमिश्नर पुलिस आलोक कुमार ने कहा कि शुरुआत में प्रदर्शनकारी बेहद ही शांत ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

बाद में वे लोग अलग-अलग हिस्से में बंट गए और फिर उनमें से कुछ ने पुलिस पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े लेकिन प्रदर्शनकारी लगातार पुलिस पर पत्थर बरसा रहे थे। कुमार ने बताया कि पत्थरबाजी में 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए जिन्हें अस्पताल ले जाया गया।

प्रदर्शनकारियों ने तीन बाइकों, दो बसों और एक रैपिड एक्शन टीम की वैन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने बताया कि तीन आरपीएफ कर्मी और 6 आम लोग भी पत्थरबाजी के दौरान घायल हो गए। इन सभी को जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से बाद में इन लोगों को छुट्टी दे दी गई। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि दारा सिंह और एक सिविलियन को बाद में जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया गया।