पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव ही नहीं, इतने ही राज्यों की छह विधानसभा और एक लोकसभा सीट के नतीजे भी कांग्रेस के लिए करारा झटका साबित हुए हैं। लोकसभा की इकलौती तुरा सीट मेघालय में है, जबकि विधानसभा की छह सीटों में से दो- जंगीपुर और बिलारी उत्तर प्रदेश में, दो- गोड्डा और पनकी झारखंड में, एक तलाला गुजरात में व एक पलायर तेलंगाना में थी। कांग्रेस केवल झारखंड की अपनी विधानसभा सीट ही बचा पाई। जबकि गुजरात में उसकी सीट भाजपा ने और तेलंगाना में टीआरएस ने झटक ली।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी अपना गढ़ बचाने में सफल रही। यहां जिन दो सीटों का उपचुनाव हुआ, वे पहले से ही पार्टी के कब्जे में थीं। बिलारी में हाजी इरफान और जंगीपुर में मंत्री कैलाश यादव के निधन के कारण उपचुनाव हुआ। बसपा ने उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे। इस तरह दोनों सीटों पर सपा का मुकाबला भाजपा से था।

लेकिन अगले साल सूबे में सत्ता का सपना देख रही भाजपा दोनों में से एक भी सीट सपा से नहीं छीन पाई। बिलारी में सपा के मोहम्मद फहीम ने भाजपा के सुरेश सैनी को 7063 वोट से हरा दिया। जबकि जंगीपुर में किस्मती देवी किस्मत वाली निकलीं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र रमेश सिंह को 22 हजार वोट से शिकस्त दे दी। नतीजों पर प्रतिक्रिया जताते हुए सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने दावा किया कि अगले साल भी सूबे में सपा ही सत्ता में आएगी।

तुरा लोकसभा सीट का उपचुनाव यहां से नौ बार जीत कर संसद में पहुंचे पीए संगमा के निधन के कारण हुआ। उनके बेटे और नेशनल पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार ने कांग्रेस की डीडी शीरा को हरा दिया, जो राज्य के कांग्रेसी मुख्यमंत्री मुकुल संगमा की पत्नी हैं। कांग्रेस को गुजरात और तेलंगाना में झटका लगा है। भाजपा ने गुजरात में तलाला सीट उससे छीनी है, तो तेलंगाना में टीआरएस के नागेश्वर राव ने पलायर में कांग्रेस की सुचित्रा रेड्डी को हरा कर यह सीट भी झटक ली।

झारखंड में भाजपा और कांग्रेस दोनों अपनी एक-एक सीट बचाने में कामयाब रहे। गोड्डा में भाजपा के अमित मंडल ने राजद के संजय यादव को हरा दिया। जबकि पनकी में कांग्रेस के देवेंद्र कुमार सिंह ने झामुमो उम्मीदवार को चित कर दिया। कांग्रेस और राजद ने राज्य का उपचुनाव आपस में तालमेल कर लड़ा था। उपचुनाव के नतीजों पर खुशी जताते हुए राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि उनकी सरकार की लोकप्रियता बरकरार है और सरकार विकास की राह पर चलती रहेगी।