ब्रिटेन में 40 साल से गायब तितली आखिरकार रॉडबोरो कॉमन इलाके में देखी गई है। वहां यह 150 साल से नजर नहीं आई थी। किसी विलुप्तप्राय प्रजाति के पुनरुद्धार की यह अब तक की सबसे सफल परियोजना (‘री-इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट’) मानी जा रही है। इस प्रजाति के पुुनरुद्धार में गाय से लेकर चींटी तक-कई जीवों ने अहम भूमिका निभाई है।
दुनियाभर में लार्ज ब्लू नाम की प्रजाति की तितलियां विलुप्तप्राय हैं। दशकों तक ब्रिटेन में गायब रहने के बाद ये अब दिखाई दी हैं। इसके लिए पांच साल तक कड़ी मेहनत की गई और प्रकृति के हिसाब से पूरा ताना-बाना रचा गया। माना जा रहा है कि यह दुनिया भर में किसी कीड़े की प्रजाति का सफलता से दोबारा पनपने का यह पहला मौका है।
पिछले साल ब्रिटेन के ग्लॉस्टरशेयर के रॉडबोरो कॉमन इलाके में जैव विविधता केंद्र (साइट) पर लार्ज ब्लू तितली के 1,100 लार्वा छोड़े गए थे। तितली के कैटरपिलर को स्वीडन से एक इकॉलजिस्ट की कैंपर वैन में लाया गया था। उस जगह को पांच साल तक तितलियों के रहने लायक जगह के तौर पर विकास किया गया था। आखिरकार मेहनत सफल हुई और 150 साल बाद कॉट्सवोल्ड की पहाड़ियों पर करीब 750 से नजर आईं, जिन्हें देखकर पर्यावरणविद बेहद खुश हैं।
ग्लॉस्टरशेयर में इन कारनामे को कर दिखाने के पीछे प्रोफेसर जेरेमी थॉमस और डेविड सिमकॉक्स की कई साल की मेहनत है। इस तितली के लार्वा से बनने के लिए लाल चींटी मिरमिका सबुलेती की बड़ी भूमिका है। इसलिए पहले ऐसा मैदान बनाया गया जहां ये चींटी पनप सके। इसके लिए यहां गायें लाई गईं जो जिनके चरने से खास घास पैदा हुई और चीटियां पनपने लगीं। ये चीटियां ही लार्वा को अपना समझकर अपने साथ रखती हैं और पालती हैं।
यह तितली कितनी महत्त्वपूर्ण है, इसका उदाहरण ब्रिटेन के ब्रिस्टन शहर के एक मुकदमे से सामने आया। कुछ साल पहले ब्रिस्टल में हत्या का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया, जिसमें अदालत ने 57 साल के एक व्यक्ति को दुर्लभ प्रजाति की दो तितलियों की हत्या का दोषी माना। ये तितलियां थीं लार्ज ब्लू प्रजाति की।
साउथवेस्ट सिटी आफ ब्रिस्टल कोर्ट के जज ने फिलिप क्यूलेन को देश की लार्ज ब्लू प्रजाति की दो दुर्लभ तितलियों को पकड़ कर मारने का दोषी करार दिया और छह महीने कैद की सजा दे दी। यह ब्रिटेन में अपनी तरह का पहला मामला था, जिसमें तितली को मारने पर किसी व्यक्ति को सजा दी गई।
पूर्व बॉडी बिल्डर क्यूलेन के घर की तलाशी के दौरान पुलिस को 30 से अधिक कीट पतंगे और तितलियां मिली थीं। जिनमें दो लार्ज ब्लू तितलियां भी थीं। इसके बाद पुलिस ने क्यूलेन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा था कि क्यूलेन इन तितलियों को ईबे पर बेचने के लिए पकड़ता था। हालांकि क्यूलेन ने इन आरोपों से इंकार किया।
लार्ज ब्लू तितली अपने नीले पंखों की वजह से यह देखने में काफी आकर्षक लगती हैं। 1790 में यह पूरे इंग्लैंड में पाई जाती थीं लेकिन 1979 के बाद से विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई। फिलहाल इसे संरक्षित जीव का दर्जा दिया गया है। हालांकि दक्षिण-पश्चिमी इंग्लैंड में अभी भी 33 जगहों पर इन्हें देखा जा सकता है। लार्ज ब्लू के संरक्षण के लिए काम करने वाले एक स्वयंसेवी संगठन का दावा है कि इन तितलियों को अवैध तरीके से पकड़कर लगभग 24355 रुपए (300 पाउंड) में बेचा जाता है।