मध्य प्रदेश के सीधी में मंगलवार को दर्दनाक सड़क हादसा हुआ था, जिसमें यात्रियों से भरी एक बस नहर में जा गिरी थी। दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है। यह जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया, “सीधी जिला में हुए बस हादसे में दो शव और बरामद किए गए हैं, जिसके बाद मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 49 हो गई है।”

यह हादसा रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र के पटना गांव में हुआ था। सरकार ने मृतकों के परिवारजनों के लिए 5 लाख रूपये के मुआवजे की घोषणा की है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यात्रियों से भरी यह बस मंगलवार सुबह करीब साढ़े सात बजे नहर में गिरने के बाद डूब गई थी। बस उस वक्त नहर के तट से दिखाई भी नहीं दे रही थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर मंत्री तुलसी सिलावट और रामखिलावन पटेल सीधी पहुंचे। साथ ही सीएम शिवराज ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को मिलने के लिए बुलाया।

आशंका जताई गई थी कि नहर की तेज बहाव में बही, जिसके बाद बचाव दल उसे ढूंढने में जुटे। सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने इस हादसे की पुष्टि की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह कम से कम सात लोग नहर के पानी से तैरकर सुरक्षित बाहर आ गये थे ।

बता दें कि मध्य प्रदेश के सीधी में मंगलवार को हादसे का शिकार हुई बस के चालक का यातायात बाधित होने के कारण अंतिम क्षण में मार्ग बदलना अधिकतर यात्रियों के लिए प्राणघातक साबित हुआ, जबकि एक परिवार के पांच सदस्यों की बहादुरी के कारण छह लोगों की जान बच गई। सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में यात्रियों से भरी इस बस के मंगलवार सुबह पुल से नहर में गिरने से 21 महिलाओं सहित 49 लोगों की मौत हो गई।

हादसे के तुरंत बाद बस के यात्रियों को बचाने के लिए वहां मौजूद शिवरानी लोनिया, उसके भाई लवकुश लोनिया एवं तीन अन्य स्थानीय लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर गहरे पानी में छलांग लगा दी और वे सात लोगों को खींच कर बाहर लाने में सफल रहे। हालांकि इन सात लोगों में से एक की इलाज के दौरान मौत हो गई, लेकिन छह यात्री सुरक्षित हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित कई लोगों ने शिवरानी लोनिया सहित 16 से 22 साल के इन लोगों की बहादुरी की प्रशंसा की है।