छत्रपति संभाजीनगर में सनसनीखेज अपहरण की एक घटना से हड़कंप मच गया है। मंगलवार की रात शहर के मशहूर बिल्डर सुनील तुपे के 7 वर्षीय बेटे को अगवा कर लिया गया। वारदात तब हुई, जब बच्चा रात 9 बजे घर के बाहर साइकिल चला रहा था। अचानक एक कार वहां आकर रुकी और उसमें सवार 3-4 अज्ञात लोग बच्चे को जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर फरार हो गए। इस घटना के बाद पूरे इलाके में खलबली मच गई।
सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखी घटना
जानकारी मिलते ही परिवार वालों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। कुछ ही देर बाद सुनील तुपे के पास एक फोन आया, जिसमें दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। यह सुनते ही परिजन घबरा गए और पुलिस को पूरी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने घर के पास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें साफ दिखा कि एक स्विफ्ट कार बच्चे के पास आकर रुकी और कुछ ही सेकंड में उसे लेकर भाग गई। हालांकि, इस वीडियो में कार का नंबर स्पष्ट नहीं दिख रहा, जिससे जांच में परेशानी आ रही है।
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी। शुरुआती जांच में पता चला कि फिरौती के लिए जो कॉल आया था, वह जिले के सिल्लोड तहसील से किया गया था। पुलिस ने कॉल को ट्रेस करने की कोशिश की, लेकिन फोन स्विच ऑफ आ रहा है। ऐसे में अपराधियों तक पहुंचना पुलिस के लिए एक चुनौती बन गया है।
इस हाई-प्रोफाइल किडनैपिंग केस का खुलासा करने के लिए छत्रपति संभाजीनगर पुलिस आयुक्त प्रवीण पवार ने एक विशेष टीम गठित की है। इस टीम में अनुभवी पुलिस अधिकारी शामिल किए गए हैं, जो बच्चे की सुरक्षित वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
बिल्डर के बेटे के अपहरण की खबर पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई है। लोगों में डर और चिंता का माहौल है। इस घटना ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे सीसीटीवी कैमरों की गुणवत्ता पर लोग सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि इन कैमरों में स्पष्ट तस्वीरें नहीं दिख रही हैं।
फिलहाल पुलिस हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है। संदिग्धों की पहचान करने के लिए आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं से जल्द से जल्द संपर्क साधने और बच्चे को सुरक्षित वापस लाने के लिए हरसंभव कोशिश शुरू कर दी है।
इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। परिवार सदमे में है और पुलिस पर बच्चे की सलामती की जिम्मेदारी है। लोगों का कहना है कि पुलिस अगर सक्रिय रहती तो घटना नहीं होती।