संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा, जिसमें सरकार के वित्तीय कामकाज पर ज्यादा जोर होगा। सत्र के दौरान आम बजट 29 फरवरी को पेश किया जाएगा। आने वाले समय में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सत्र की अवधि या मध्य अवकाश की अवधि में कोई कटौती नहीं की जाएगी।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में यह फैसला किया गया। संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सीसीपीए की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा। रेल बजट 25 फरवरी को पेश किया जायेगा। आर्थिक सर्वेक्षण 26 फरवरी को और आम बजट 29 फरवरी को पेश होगा।’

उन्होंने कहा, ‘बजट सत्र का पहला हिस्सा 16 मार्च को समाप्त होगा जबकि दूसरा हिस्सा 25 अप्रैल से 13 मई तक चलेगा।’
वेंकैया ने कहा कि ऐसे सुझाव सामने आए थे कि पांच राज्यों में आसन्न चुनाव के मद्देनजर बजट सत्र के मध्य अवकाश की अवधि में कटौती की जाए लेकिन सरकार और अन्य राजनीतिक दल पूरा सत्र चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘साल 2011 में तत्कालीन सरकार ने बजट सत्र के दौरान विधेयकों को स्थायी समिति को नहीं भेजने का निर्णय किया था क्योंकि राज्यों में चुनाव होने थे और सत्र की अवधि को कम करने की मांग की गई थी।’ संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि लेकिन सरकार ने आज फैसला किया है कि मध्य अवकाश के दौरान विचार के लिए विधेयकों को स्थायी समितियों को भेजा जाएगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार को पूर्व की तुलना में बजट सत्र के सकारात्मक और रचनात्मक होने की उम्मीद है। उस समय कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों ने कामकाज में बाधा डाली थी और सुधार विधेयकों का मार्ग अवरुद्ध कर दिया था।

उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि बजट सत्र सकारात्मक होगा और देश को विकास के पथ पर आगे ले जाने में सहायक होगा और गरीबों, युवाओं और समाज के अन्य वर्ग के लोगों के कल्याण पर केंद्रित होगा।’