वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा इस साल के बजट में घोषित किए गए कई प्रस्ताव बुधवार से प्रभावी हो जाएंगे। जिनमें सभी सेवाओं पर 0.5 फीसद कृषि उपकर व घरेलू कालेधन का विवरण प्रस्तुत करने के चार महीने के अवसर की योजना शामिल हैं। इसके अलावा 6.0 फीसद सामान्यीकरण शुल्क भी बुधवार से प्रभाव में आएगा। यह सीमा पार होने वाले सभी डिजिटल सौदों पर लागू होगा। साथ ही पूर्व की तिथि से कर लगाए जाने की वजह से उत्पन्न मामलों के समाधान के लिए एक बारगी कर निपटान योजना भी बुधवार से प्रभाव में आ जाएगी।

कृषि कल्याण उपकर (केकेसी) लागू होने के साथ कुल सेवा कर बढ़कर 15 फीसद हो जाएगा। इसके साथ बाहर खाना खाना, फोन का उपयोग, हवाई व रेल यात्रा महंगी होगी। देश के भीतर कालाधन रखने वालों के लिए इसकी जानकारी देने और उसपर 45 फीसद कर व जुर्माना चुकाकर पाक साफ होकर निकलने की योजना बुधवार से शुरू हो रही है। इस योजना की मियाद चार महीने है।

हालांकि जिन लोगों ने भ्रष्ट तरीके अपनाकर ऐसी धन, संपत्ति जुटाई है उन्हें इस खुलासा सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति नहीं होगी। पिछले वर्ष सरकार ने इसी प्रकार की योजना विदेशों में कालाधन रखने वालों के लिए शुरू की थी। इसका मकसद लोगों को बेहिसाब संपत्ति के मामले में कर एवं जुर्माना अदा कर पाक-साफ होने का एक मौका देना था। सामान्यीकरण शुल्क या सामान्य बोलचाल में ‘गूगल टैक्स’ आनलाइल विज्ञापनों के संदर्भ में भुगतान पर लगेगा।

एक अन्य प्रमुख बजटीय प्रस्ताव प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना बुधवार से लागू हो जाएगी। इसके तहत विभिन्न अदालतों, न्यायाधिकरणों, पंच निर्णय में लंबित मामले या द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौते (बीआईपीए) के तहत फैसले के लिए मध्यस्थता में लटके मामलों के समाधान पर जोर दिया जाएगा। योजना के तहत पूर्व की तिथि से कर लगाए जाने की वजह से उत्पन्न मामलों के समाधान के लिए एक अवसर उपलब्ध कराया गया है। इसमें कंपनियों को वांछित बकाया कर का भुगतान करने को कहा जाएगा जबकि ब्याज एवं जुर्माने से छूट दी जाएगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना कर सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है और उम्मीद है कि यह वोडाफोन व केयर्न जैसी कंपनियों के लिए बड़ी राहत लाएगी। ये कंपनियां 2012 में पूर्व की तिथि से कर संशोधन के मद्देनजर अरबों डालर की कर देनदारी का सामना कर रही हैं।