वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया। वित्तमंत्री ने इस बार भी डिजिटल फॉर्मेट में बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने संसदीय चुनाव से पहले लगातार छठा बजट पेश किया। वित्त मंत्री सीतारमण ने पिछले तीन सालों की तरह अंतरिम बजट 2024-25 को कागज रहित प्रारूप में पेश किया। इस बजट में सरकार का महिलाओं पर खास फोकस नजर आया और उनके लिए कई तरह की घोषणाएं की गईं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा, “हमें गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, उनकी जरूरतें और आकांक्षाएं हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं।” संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “पिछले 10 साल में 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिलाओं को 70% आवास महिलाओं को मिले हैं।” वित्त मंत्री ने कहा, “आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा।”
1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनने में मदद
वित्त मंत्री ने कहा कि तीन तलाक को अवैध बनाना, महिलाओं के लिए एक तिहाई विधायी सीटें आरक्षित करना सरकार के महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम पर प्रकाश डालता है। निर्मला सीतारमण ने लखपति दीदी योजना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “नौ करोड़ महिलाओं के साथ 83 लाख एसएचजी सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं। उनकी सफलता ने लगभग 1 करोड़ महिलाओं को पहले ही लखपति दीदी बनने में मदद की है। सफलता से उत्साहित होकर, इसे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।” केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि लखपति दीदी का लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर अब 3 करोड़ है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मुद्रा योजना के तहत 30 करोड़ कर्ज महिला उद्यमियों को बांटे गए। सामाजिक न्याय हमारी सरकार का मॉडल है। हमने गरीब, महिला, युवा, अन्नदाता (GYAN) पर विशेष ध्यान दिया है। मंत्री ने कहा कि एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) पाठ्यक्रमों में 43 प्रतिशत महिलाओं का पंजीकरण हुआ है, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
चुनाव से पहले लगातार छठा बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसदीय चुनाव से पहले लगातार छठा बजट पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड की बराबरी की। मोरारजी देसाई ने दो अंतरिम बजट पेश (एक 1962 में और दूसरा 1967 में) किए थे। देसाई को लगातार छह बजट पेश करने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कुल 10 केंद्रीय बजट पेश किए थे। सीतारमण ने अपने चुनाव पूर्व बजट में अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के लिए केंद्र सरकार के आवश्यक व्यय को पूरा करने के लिए अग्रिम अनुदान के लिए संसद की मंजूरी मांगी। यह अंतरिम बजट है और अप्रैल/मई आम चुनाव के बाद चुनी गई नई सरकार संभवत: जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी।