केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार (23 जुलाई, 2023) को पूर्ण बजट पेश करेंगी। लोकसभा चुनाव से पहले 1 फरवरी, 2024 को उन्होंने अंतरिम बजट पेश किया था। पूर्ण बजट से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बड़ी मांग की है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार को गरीबों पर ध्यान देना चाहिए।

खड़गे ने मोदी सरकार को घेरा

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ”हम शुरू से ही किसानों, गरीबों, दलितों के लिए मांग करते रहे हैं। लेकिन यह सरकार मनमाने ढंग से काम करती है और अपने फायदे के लिए काम करती है। यह जनता के लिए कुछ नहीं कर सकती। इसलिए बजट आ गया है। वे वास्तव में क्या करने जा रहे हैं, वे क्या कल्याणकारी उपाय करने जा रहे हैं, हमें नहीं पता। हमें आशा है कि वे पिछड़े क्षेत्रों के लिए पैकेज प्रदान करेंगे। हर जगह बाढ़ आई है, वे बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों के लिए कितना देंगे। NEET और डिफेंस के मुद्दों पर भी हम देखेंगे।”

TMC को नहीं है कोई उम्मीद

वहीं टीएमसी सांसद सौगत रॉय को मोदी सरकार के बजट से कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “मुझे बजट से कोई उम्मीद नहीं है। मैं आशावादी नहीं हूं। मैं रोजगार की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हूं। रोजगार पैदा करने के लिए बजट में क्या होगा, यह मेरा सवाल है। अर्थव्यवस्था मंदी में है। सरकार अस्थिर है।”

आर्थिक सर्वे में मेंटल हेल्थ पर फोकस, FY25 में रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.5-7%

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आर्थिक सर्वे पेश किया। इसको लेकर भी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ”आज सरकार की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण प्रकाशित किया गया है। लेकिन यह आर्थिक सर्वेक्षण जमीनी हकीकत से बिल्कुल परे है। आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार का नजरिया ‘सब चंगा सी’ जैसा है। जबकि हकीकत में यह स्थिति है जनता की स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार आज भी महंगाई पर काबू नहीं पा सकी है। अमीरों को महंगाई से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए यह आज एक बड़ी समस्या है। ‘मोदी मतलब महंगाई’, महंगाई कब कम होगी इसका जवाब आर्थिक सर्वे में नहीं मिल रहा है।”

इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि ग्लोबल अनिश्चितता से कैपिटल फ्लो पर असर संभव है। ग्लोबल कारोबार में चुनौती का अनुमान लगाया गया है। सर्वे के मुताबिक कॉरपोरेट्स पर नौकरियां देने की जिम्मेदारी है।