लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए (I.N.D.I.A.) में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के शामिल होने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। शनिवार को मायावती ने एक्स पर अपने पोस्ट में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को रोकने के लिए गठबंधन का हिस्सा बनने के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के मुखिया के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। मायावती खासतौर पर अखिलेश यादव के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने बसपा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे।

कांग्रेस BSP को गठबंधन में लिए जाने के पक्ष में है

दरअसल विपक्षी गुट में कांग्रेस लगातार मायावती के नेतृत्व वाली बीएसपी को भी शामिल किए जाने की मांग करती रही है, हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव मायावती को गठबंधन में लेने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने शनिवार को साफ तौर पर मायावती पर ‘भरोसे का संकट’ जताया। यह भी कहा कि ‘उसके बाद का भरोसा कौन दिलायेगा।’

मायावती ने कहा- सपा अपना दामन को साफ करे

उनके इस बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “बसपा पर अनर्गल तंज कसने से पहले सपा प्रमुख को अपने गिरेबान में झांककर जरूर देखना चाहिए कि भाजपा को आगे बढ़ाने व मेलजोल में उनका दामन कितना दागदार है।”

उन्होंने कहा, ”साथ ही तत्कालीन सपा प्रमुख द्वारा भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले और बाद में आशीर्वाद दिए जाने को कौन भुला सकता है और फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भुला सकती है। ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लड़े तो यह उचित होगा।”

इस बीच यूपी में समाजवादी पार्टी कांग्रेस को भी ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहती है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 80 सीटें हैं। यहां पर विपक्षी इंडिया गठबंधन की समाजवादी पार्टी का दबदबा है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की ताकत अब नहीं रह गई है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस समाजवादी पार्टी से करीब 40 सीटें मांग सकती है तो वहीं समाजवादी पार्टी 10 से 12 सीटों से अधिक देने के मूड में नहीं है।