पंजाब नेशनल बैंक से संबंधित दो अरब डॉलर के घोटाले में वांछित हीरा कारोबारी नीरव मोदी की प्रत्यर्पण रोकने संबंधी याचिका ब्रिटेन के एक हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। वो भारत को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी अपील के पहले चरण में ही हार गया है। अब उसके पास मौखिक सुनवाई के लिए नए सिरे से अपील करने को पांच दिन का समय है।

ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल में नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दिया था। नीरव मोदी फर्जीवाड़े और मनी लांड्रिंग के मामलों में भारत में वांछित है। हाईकोर्ट के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि अपील के लिए अनुमति मंगलवार को खारिज कर दी गई। अब 50 वर्षीय कारोबारी के लिए हाईकोर्ट में मौखिक सुनवाई के लिए नए सिरे से अपील करने का मौका बचा है। नीरव के वकीलों का कहना है कि अभी उनके पास विकल्प मौजूद हैं। उनका दावा है कि कारोबारी को प्रत्यर्पित करना अभी दूर की कौड़ी है। ब्रिटेन की कोर्ट में वो अपना पूरा पक्ष रखने जा रहे हैं।

इससे पहले ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट के जज ने 25 फरवरी को नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को लेकर फैसला सुनाया था। इसी फैसले को चुनौती देने के लिए उसने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। उसने कहा कि राजनीतिक कारणों से उसे निशाना बनाया जा रहा है। याचिका में भारत की जेलों की स्थिति को खराब बताया गया था। बकौल नीरव, उसके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य नहीं हैं।

नीरव मोदी को 20 मार्च, साल 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया। वहां से उसे जमानत देते से इनकार कर दिया गया। उसी दिन नीवर मोदी को वैंड्सवर्थ जेल भेजा गया। यहां वो 29 मार्च तक रहा। इसी दिन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसकी दूसरी जमानत याचिका भी खारिज कर दी कोर्ट ने कहा था कि इस बात के पर्याप्त आधार हैं कि नीरव मोदी ने खुद को सरेंडर नहीं किया है।

नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने मिलकर पंजाब नेशनल बैंक के साथ 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की थी। उसके खिलाफ बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किए थे। 2018 में इंटरपोल ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। अभी वो जेल में बंद है।