झारखंड के गोड्डा से विधायक निशिकांत दुबे ने लोकसभा में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय अभी हमने जो देखा, इस देश में अब कंप्लीट पॉपुलेशन कंट्रोल होना चाहिए। वरना पूरी की पूरी डेमोग्राफी बदल जाएगी और देश का लोकतंत्र भी खतरे में पड़ जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि कई बांग्लादेशी भी यहां के नागरिक बन जाते हैं। अगर SC की तरह ST भी धर्म परिवर्तन करते हैं तो उन्हें आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का एक ट्रेंड चल पड़ा है इसके कारण एक तो डेमोग्राफी बदलती है दूसरा वोट बैंक की राजनीति एक्टिव होती है।
दुबे ने कहा कि कई इलाकों में देखने को मिल रहा है कि अनुसूचित जनजाति के लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है। इसलिए ‘‘मेरी मांग है कि यह व्यवस्था बनाई जाए कि अनुसूचित जनजाति से धर्मांतरण करने वालों को आरक्षण नहीं मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद अब यह जरूरी है कि देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो और समान नागरिक संहिता लागू की जाए।
उधर, भाजपा के जगदंबिका पाल ने कहा कि बहुत सारे वायरस पक्षियों एवं जंतुओं से मनुष्यों में आ रहे है। ऐसे में पशु एवं मांस के बाजार के विनियमन की जरूरत है। बसपा के श्याम सिंह यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र जौनपुर में मेडिकल कॉलेज में सुविधा बढ़ाने की मांग भोजपुरी में उठाई। भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने सरकार से आग्रह किया गोदरी भाषा को जम्मू-कश्मीर में आधिकारिक भाषा की सूची में शामिल किया जाए।
भाजपा के ही अर्जुन सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में विरोधियों पर अत्याचार हो रहा है और विधायकों एवं सांसदों के फोन टैप किए जा रहे हैं। भाजपा के राजू बिष्टस, दर्शना जरदोश, शारदाबेन पटेल, भारतीबेन शियाल और संघमित्रा मौर्या, जदयू के कौशलेंद्र कुमार और दिनेश्वर कामत और कई अन्य सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्रों अथवा राज्य के मुद्दे उठाए।