गुजरात में गुरुवार को भूपेंद्र पटेल मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। सोमवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की गुजरात भाजपा के निरीक्षक भूपेंद्र यादव से इस मुद्दे पर बातचीत हुई थी। सूत्रों के अनुसार कई मंत्रियों को फाइलों का वजन कम करते हुए देखा जा रहा है।

खबरों के अनुसार भूपेंद्र यादव को ही मंत्रिमंडल के गठन की जिम्मेदारी दी गयी है। वहीं प्रदेश भाजपा संसदीय बोर्ड के नेताओं ने मुख्यमंत्री के साथ गांधीनगर में चर्चा की जिसके बाद रुपाणी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल कई मंत्रियों को दफ्तरों में फाइल निस्तारण के साथ फाइलों को कम करते हुए देखा गया। नए मंत्रिमंडल में युवाओं एवं महिलाओं को अधिक स्थान मिल सकता है। जातीय समीकरण को बिठाने के साथ साफ-सुथरी छवि के नेताओं को इसमें शामिल किया जाएगा। उधर उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के मंत्रिमंडल में शामिल होने पर भी संशय है।

मीडिया रिपोर्ट में चर्चा है कि सरकार के 8-10 मंत्रियों को सरकार के बजाय संगठन के काम में लगाया जा सकता है। भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी व वरिष्ठ विधायक डॉ नीमाबेन आचार्य दो बड़े चेहरे हो सकते हैं। दोनों ही ब्राह्मण समुदाय से हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी, विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक पंकज देसाई के भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है।

प्रदेश अध्यक्ष पाटिल के करीबी सूरत के विधायक हर्ष संघवी व संगीता पाटिल, अहमदाबाद एलिसब्रिज से विधायक राकेश शाह वडोदरा से विधायक मनीषा वकील, दुष्यंत पटेल भरूच मोहन डोडिया महुआ के नामों की चर्चा मंत्री बनने को लेकर हो रही है।

बताते चलें कि मुख्यमंत्री पद से विजय रूपाणी के शनिवार को अचानक इस्तीफा देने के बाद सोमवार को केवल भूपेंद्र पटेल ने शपथ ली थी। भारतीय जनता पार्टी की गुजरात इकाई के प्रवक्ता यमल व्यास ने मंगलवार को कहा था कि प्रक्रिया के तहत मंत्रियों के शपथ ग्रहण के समय उनके नामों की घोषणा की जाएगी।

कोरोना वायरस महामारी के दौरान भाजपा शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने इस वर्ष सात अगस्त को मुख्यमंत्री के तौर पर पांच वर्ष पूरे किये थे। ऐसे में जब दिसंबर 2022 में राज्य विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है, भाजपा ने चुनाव में जीत के लिए पटेल पर भरोसा जताया है, जो कि एक पाटीदार हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य विधानसभा की 182 सीटों में से 99 सीटें जीतीं थी जबकि कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं।