Tamil Nadu: तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में एक ब्राह्मण युवक के परिवार ने शनिवार को आरोप लगाया कि बाइक सवार हमलावरों ने जबरन उसका जनेऊ काट दिया। इसके बाद केंद्रीय मंत्रीय एल मुरुगन उनके घर पर आए। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के बाद में घटना का कोई सबूत नहीं मिला है। पुलिस ने भी इस संबंध में एक बयान जारी किया है।
शिकायतकर्ता एम सुंदर ने आरोप लगाया कि उनके दिव्यांग बेटे अखिलेश को 21 सितंबर की शाम को करीब साढ़े चार बजे दो बाइक पर सवार चार लोगों ने घेर लिया। वह अपने घर के पास में मौजूद ब्राह्मण समुदाय केंद्र के एक धार्मिक कार्यक्रम में जा रहा था। सुंदर ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने न केवल उनके बेटा का पूनूल काट दिया, बल्कि उसे फिर से इसे ना पहनने की वार्निंग भी दी। शिकायत के मुताबिक, अखिलेश त्यागराज नगर में एक भजन में हिस्सा लेने के लिए जा रहा था।
केंद्रीय मंत्री ने परिवार से की मुलाकात
सुंदर ने उस शाम पेरुमलपुरम पुलिस को कथित मामले के बारे में जानकारी दी और इसे सीएसआर में दर्ज किया गया। इसमें आम तौर पर आगे की जांच पेंडिंग रहने तक शिकायतों में दर्ज किया जाता है। अगले ही दिन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मुरुगन ने सोमवार को परिवार से मुलाकात की। मुरुगन ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि यह हमला बेहद ही परेशान करने वाला है। तमिलनाडु में कानून की स्थिति बेहद ही खराब है और ऐसी घटनाओं राज्य में नहीं होनी चाहिए।
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तमिलनाडु ब्राह्मण एसोसिएशन ने घटना की निंदा की
तमिलनाडु ब्राह्मण एसोसिएशन ने इस घटना को बेहद अपमानजनक बताया और कहा कि ब्राह्मण ऐसे हमलों से नहीं डरेंगे। दक्षिणपंथी हिंदू मुन्नानी के राज्य सचिव के कुत्रालनाथन ने पोस्ट कर कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई करने में हिचकिचाती है तो जनता इन अपराधियों का पीछा करने और उन्हें पीटने के लिए मजबूर हो जाएगी। हालांकि, तिरुनेलवेली सिटी पुलिस ने सोमवार को एक बयान जारी कर ऐसी किसी घटना से इनकार किया है। पुलिस के अनुसार, एक टीम ने कथित हमले की जगह और आसपास के इलाकों में सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। इसमें सामने आया कि बाइक पर सवार चार लोगों ने अखिलेश का जनेऊ नहीं छीना है।
पुलिस ने यह भी कहा कि आसपास के लोगों से बातचीत करने के बाद भी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस ने कहा कि मौजूदा सबूतों के आधार पर इस बात का कोई भी सबूत नहीं है कि अखिलेश को बाइक सवार किसी व्यक्ति ने परेशान किया और उसका जनेऊ छीन लिया।
पहले शिकायत दर्ज कराने के मूड में नहीं थे सुंदर
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अखिलेश के पिता सुंदर ने कहा कि वह शुरुआत में शिकायत दर्ज कराने के मूड में नहीं थे। वह ऐसा इसलिए नहीं करना चाहते थे क्योंकि उनका बेटा दिव्यांग है। वह इस घटना को इस तरह से नहीं बता पाता जैसे कि पुलिस जांच की जरूरत हो। यही यहां समस्या है। मैं शिकायत दर्ज कराने के मूड में नहीं था कि मुझे डर था कि आखिर में यही कहा जाएगा कि सबूतों के अभाव में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। लेकिन जब समाज के अधिकारियों ने पुलिस को घटना के बारे में जानकारी दी, तो वे मौके पर पहुंचे और आग्रह किया कि मैं शिकायत दर्ज करवाऊं।
अब मुझे जिस बात का डर था पुलिस वही बोल रही है कि कुछ भी नहीं हुआ है। लेकिन मुझे यकीन है कि कुछ हुआ था, क्योंकि उसे शाम 4.27 बजे वहां टहलते हुए देखा गया था और चार मिनट बाद वापस भागते हुए देखा गया था। मुझे यकीन नहीं है कि इस बीच क्या हुआ था। उस पूरी रात वह काफी वह काफी बैचेन हो गया था। जोर-जोर से रो भी रहा था। कह रहा था कि उसे पूल न पहनने की धमकी दी गई थी। वह अभी भी उस सदमे से बाहर नहीं आ पाया है।