यस बैंक फ्रॉड केस में आरोपी बनाए गए बिजनेस टायकून्स वाधवा बंधुओं को बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से जमानत मिल गई है। दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन के प्रमोटर कपिल और धीरज वाधवान को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में आरोपी बनाया है। हालांकि, ईडी 60 दिन की अवधि के बाद भी चार्जशीट नहीं दाखिल कर पाई, जिसके बाद जस्टिस भारती दांगरे की एक जज की बेंच ने वाधवा बंधुओं को जमानत दे दी। कोर्ट ने दोनों को एक-एक लाख रुपए और पासपोर्ट जमानत के तौर पर देने के निर्देश दिए हैं।

वाधवा बंधुओं ने ईडी की तरफ से चार्जशीट दाखिल होने में देरी को ही जमानत याचिका का आधार रखा। हालांकि, दोनों भाई अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि सीबीआई ने भी उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केस दर्ज किया है। वाधवा भाइयों को मुंबई के पास स्थित हिल स्टेशन महाबालेश्वर से 26 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

बता दें कि वाधवा बंधुओं को यस बैंक घोटाले में फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए राणा कपूर के साथ सह-आरोपी बनाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने 14 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था। इसके बाद 15 जुलाई को दायर चार्जशीट में वाधवा बंधुओं के साथ यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदू कपूर, बेटी रोशनी और रेखा और चार्टर्ड अकाउंटेंट दुलारेश के जैन के नाम शामिल किए थे। ईडी ने इस मामले में सीबीआई की तरफ से केस दर्ज किए जाने के बाद कार्रवाई शुरू की थी।

वाधवा भाई सीबीआई की उस प्राथमिकी में आरोपी बनाए गए हैं जो यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और अन्य द्वारा पैसों की ठगी किए जाने से जुड़ी हुई है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि 62 वर्षीय राणा कपूर ने यस बैंक के जरिए डीएचएफएल को वित्तीय मदद देने के नाम पर वाधवा भाइयों के साथ मिलकर साजिश रची और बदले में उनके नाम पर चल रही कंपनियों के माध्यम से खुद को और अपने परिवार को अनुचित लाभ दिलाया।