Bombay High Court on Dharavi Redevelopment Project: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने धारावी रीडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट (Dharavi Redevelopment Project) की टेंडर प्रक्रिया (tender process) को चुनौती (Challenge) देने वाली याचिका (Plea) में संशोधन करने की इजाजत दे दी है। संशोधन के मसौदे में इस बात का दावा किया गया है कि राज्य ने अडानी समूह का पक्ष लेने और याचिकाकर्ता कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज (Seclink Technologies) को बोली लगाने से रोकने के लिए दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।

Bombay HC ने याचिका में संशोधन की इजाजत दी

इस मामले में कार्यवाहक चीफ जस्टिस एस.वी.गंगापुरवाला (Acting Chief Justice S. V. Gangapurwala) और जस्टिस संतोष चपलगांवकर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को अदालत में दिए गए संशोधित मसौदे के अनुसार याचिका में संशोधन करने की इजाजत दी। इसने इस मामले को 6 जनवरी 2022 तक विचार करने के लिए आगे बढ़ा दिया।

State Government ने साल 2018 में जारी किया था Tender

इसके पहले राज्य सरकार ने साल 2018 में धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए एक टेंडर जारी किया था जारी की थी। याचिकाकर्ता Seclink Technologies Corporation सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी थी और Adani Properties Pvt Ltd दूसरी सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी थी। हालांकि, राज्य ने यह दावा करते हुए टेंडर प्रोसेस को रद्द कर दिया कि एमओयू के कारण अतिरिक्त 45 एकड़ रेलवे भूमि उपलब्ध हो गई है और इसे शामिल करने के लिए एक नए टेंडर की आवश्यकता है।

2022 में एक नया Global Tender जारी किया गया

साल 2022 में एक नया ग्लोबल टेंडर जारी किया गया और इसे अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने सबसे ऊंची बोली लगाते हुए हासिल किया। याचिकाकर्ता ने मूल रूप से पहले के टेंडर को रद्द करने को चुनौती दी थी। हालांकि, इसने बाद की घटनाओं को रिकॉर्ड पर लाने और उचित चुनौती देने के लिए संशोधन की मांग की। मसौदा संशोधन के अनुसार, मूल टेंडर को रद्द करना और एक नया टेंडर जारी करना मनमाना, दुर्भावनापूर्ण और पूरी तरह से याचिकाकर्ता को नए टेंडर में शामिल होने से बाहर करने के लिए किया गया क्योंकि याचिकाकर्ता एच 1 या उच्चतम बोली लगाने वाला था जिसमें भारी अंतर था।