Flights Receive Fresh Bomb Threats: केंद्र सरकार की तमाम सख्ती के बावजूद भी विमानों को बम से उड़ाने की धमकी से जुड़े मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब 85 विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इनमें एअर इंडिया के 20 विमान शामिल हैं। जिन विमानों को धमकी मिली है, उनमें 20 इंडिगो, 20 विस्तारा और 25 अकासा की उड़ानें शामिल हैं।
इससे पहले सोमवार को भी विमानों में बम की धमकी मिली थी। इंडिगो के प्रवक्ता ने बताया कि सोमवार को विमानन कंपनी की चार उड़ानों- 6ई 164 (मंगलुरु से मुंबई), 6ई 75, (अहमदाबाद से जेद्दा), 6ई 67 (हैदराबाद से जेद्दा) और 6ई 118 (लखनऊ से पुणे) को सुरक्षा संबंधी अलर्ट मिले। विमानन कंपनी की ओर से जारी चार अलग-अलग बयानों के अनुसार, इन उड़ानों से यात्रियों को सुरक्षित उतारा गया।
एअर इंडिया के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि सोमवार को संचालित विमानन कंपनी की कुछ उड़ानों को सोशल मीडिया के जरिए सुरक्षा संबंधी धमकियां मिली थीं। प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए संबंधित प्राधिकारियों को तुरंत सतर्क कर दिया गया और नियामक प्राधिकारियों एवं सुरक्षा एजेंसियों के निर्देश के अनुसार सभी सुरक्षा प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन किया गया।
सरकार सभी जरूरी प्रोटोकॉल का पालन कर रही है- नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू
सरकार सभी जरूरी प्रोटोकॉल का पालन कर रही है- नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हाल ही में भारतीय एयरलाइन्स को निशाना बनाकर की गई बम धमकियों को लेकर बात की थी। इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू के दौरान नायडू ने कहा कि सरकार सभी आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन कर रही है और स्थिति पर नियंत्रण कर रही है।
पिछले नौ दिनों में 170 से ज़्यादा उड़ानें इन धमकियों से प्रभावित हुई हैं, जो मुख्य रूप से सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से आ रही हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या ये धमकियां किसी बड़ी साज़िश का हिस्सा हैं। इस सवाल के जवाब में नायडू ने सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए कहा कि मैं इस पर कोई जल्दबाज़ी में फ़ैसला नहीं लूंगा। हमें पूरी जांच होने तक इंतज़ार करना चाहिए। एक बार जब हम यह पता लगा लेंगे कि इसके पीछे कौन है, तभी हम बता पाएंगे कि क्या कोई साज़िश है या फिर त्योहारी सीज़न को लेकर कोई इरादा है या फिर एयरलाइनों को प्रभावित करने की कोशिश है।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने इन खतरों में सोशल मीडिया और साइबर चैनलों की संलिप्तता पर जोर दिया तथा कहा कि यद्यपि कई आईपी पते विदेशी स्थानों की ओर इशारा करते हैं, लेकिन उन्हें वीपीएन के माध्यम से पुनः रूट किया जा सकता है, जिससे जांच जटिल हो सकती है।
नायडू ने स्पष्ट किया कि यह बताना मेरा काम नहीं है कि यह कहां से आ रहा है। खुफिया एजेंसी और अन्य संबंधित एजेंसियां सभी इस पर नज़र रख रहे हैं। हालांकि, उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि “हम सभी आवश्यक प्रयास कर रहे हैं, ताकि हमारा आसमान सुरक्षित रहे।
‘धमकियों के पीछे जो लोग हैं उन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में डाला जाएगा’
‘धमकियों के पीछे जो लोग हैं उन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में डाला जाएगा’
विमान सेवाओं पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव के बारे में बोलते हुए नायडू ने कहा कि व्यवधानों के कारण एयरलाइनों को 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि इन फर्जी धमकियों के पीछे जो लोग हैं, उन्हें नो-फ्लाई सूची में डाल दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब हम पहचान लेंगे कि यह व्यक्ति इस (झूठी धमकी) के पीछे है, तो हम उसे नो-फ्लाई सूची में डालना चाहते हैं। मंत्री ने स्वास्तिक अधिनियम में संशोधन की योजना का भी खुलासा किया, जो नागरिक उड्डयन से संबंधित गैरकानूनी गतिविधियों को नियंत्रित करता है, ताकि ऐसी धमकियों के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त दंड लगाया जा सके।
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नायडू ने सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया पर प्रकाश डाला। जिसमें हवाई अड्डों पर सुरक्षा उपायों में वृद्धि, निगरानी में वृद्धि और हवाई अड्डों पर अतिरिक्त जांच शामिल है। उन्होंने कहा कि हम हवाई अड्डों पर सुरक्षा पहलू में सुधार कर रहे हैं और किसी भी चीज को हल्के में नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे प्रयासों को समन्वित करने के लिए गृह मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों और कानून प्रवर्तन के साथ काम कर रहे हैं।
नायडू ने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म समेत सभी हितधारकों को राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इन हैंडल से भी बात कर रहे हैं और मुझे लगता है कि आयकर विभाग भी अपनी तरफ से इन मामलों को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है, ताकि वे भी अपना समर्थन दें और जांच को अधिक कुशल और तेज तरीके से पूरा करने में हमारी मदद करने की कोशिश करें।
डरने की कोई बात नहीं- नायडू
डरने की कोई बात नहीं- नायडू
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सरकार स्थिति पर नियंत्रण रख रही है- नायडू
उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरह का डर और घबराहट फैलाने का समय नहीं है। मैं देश के लोगों को बताना चाहूंगा कि डरने की कोई बात नहीं है। स्थिति पर नियंत्रण में हैं… भले ही यह 99.99% एक झूठी कॉल लगती हो, फिर भी हम प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। उन्होंने यह आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए दीर्घकालिक समाधान की दिशा में काम कर रही है।
