बॉलीवुड कलाकार और राजनीतिक व सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहने वाले अनुपम खेर को पाकिस्तान का वीजा नहीं दिया गया है।
अनुपम खेर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘वीजा के लिए अप्लाई मैंने खुद नहीं किया था। कराची लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजकों ने किया था। पर मैं जानना चाहूंगा कि मुझे वीजा नहीं दिए जाने के बारे में कराची निमंत्रित किए गए बाकी लोग क्या सोचते हैं। हालांकि, मुझे उनके खिलाफ कुछ नहीं कहना है। शायद मैं बॉलीवुड का इकलौता कलाकार हूं जिसने पेशावर में स्कूल पर हुए आतंकी हमलों की आलोचना करते हुए खुला खत लिखा था।’ उन्होंने वीजा नहीं दिए जाने के कारण के बारे में कहा, ‘हो सकता है मैं कश्मीरी पंडित हूं, इसलिए मुझे वीजा नहीं दिया गया। या फिर संभव है कि असहिष्णुता पर छिड़ी बहस पर मैंने अपनी बात रखी, यह वजह बनी हो।’
खेर ने कहा 18 लोगों में से वह अकेले हैं जिन्हें वीजा नहीं मिला। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें निराशा हुई है। वह 5 फरवरी को कराची लिटरेचर फेस्टिवल में जाना चाहते थे। खेर ने ट्वीट किया- देरी इनकार करने का सबसे खतरनाक तरीका है (“Delay is the deadliest form of denial.”)। उधर, पाकिस्तानी उच्चायोग का कहना है कि उनके पास अनुपम खेर की अर्जी आई ही नहीं।
बताया जाता है कि अनुपम खेर को वीजा सुरक्षा कारणों से नहीं दिया गया है। खेर इन दिनों लगातार किसी न किसी कारण से चर्चा में रहते हैं।सबसे ताजा मामला ‘हिंदू’ होने के मसले पर शशि थरूर के साथ ट्विटर पर उनके उलझने का है (पढ़ें डिटेल)। कुछ महीने पहले उन्होंने दिल्ली में एक मार्च निकाला था, जिसे लेकर वह काफी सुर्खियों में थे। यह मार्च उन लोगों के खिलाफ था जो देश में कथित तौर पर असहिष्णुता बढ़ने की बात करते थे और इसके विरोध में अपना पुरस्कार लौटा रहे थे। इस मामले में खेर ने खुल कर सरकार का साथ दिया था। इसके बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर जब उन्हें पद्म पुरस्कार देने की घोषणा हुई, तब भी वह चर्चा में रहे। हाल में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में असहिष्णुता के मुद्दे पर ही बहस के दौरान उन्होंने अपनी बात समझाने के लिए मंच से गालियों का इस्तेमाल किया था (देखें वीडियो)। इस वजह से भी वह सुर्खियों में रहे।
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