BMC Polls: कांग्रेस ने शनिवार को घोषणा की कि वह आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी नेता रमेश चेन्निथला ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए इस फैसले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि हम सभी बीएमसी चुनावों के लिए तैयार हैं। कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी पूरी तैयारी के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी और जल्द ही अपना घोषणा पत्र भी जारी करेगी।
चेन्निथला ने कहा कि इसके साथ ही बीएमसी में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक चार्जशीट भी जनता के सामने रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुंबई का विकास जिस तरह होना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ। इसके लिए जिम्मेदार कौन है, यह जनता अच्छी तरह जानती है। चेन्निथला ने कहा कि कांग्रेस चुनाव में मुंबई से जुड़े गंभीर मुद्दों को उठाएगी, जिनमें भ्रष्टाचार और प्रदूषण प्रमुख होंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं और कांग्रेस इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी।
यह घोषणा मुंबई में चुनावों से पहले हुए सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रमों में से एक के बीच आया है, जिसमें शिवसेना के यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के सुप्रीमो राज ठाकरे के बीच बढ़ती निकटता शामिल है। कभी कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे ये चचेरे भाई अब इस बात पर सहमत नजर आते हैं कि मुंबई को खोने से ठाकरे की व्यापक राजनीतिक विरासत काफी कमजोर हो जाएगी।
उद्धव ठाकरे के लिए, बीएमसी पर नियंत्रण हासिल करना 2022 में शिवसेना में हुए विभाजन के बाद अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता को पुनः स्थापित करने का शायद आखिरी बड़ा अवसर है। राज ठाकरे के लिए, इस चुनाव को मराठी पहचान की रक्षा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें एमएनएस खुद को महाराष्ट्र के भाषाई और सांस्कृतिक चरित्र के संरक्षक के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
हालांकि, अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद है कि शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस अगले सप्ताह होने वाले बीएमसी चुनावों के लिए अपने गठबंधन की घोषणा करेंगे।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) के साथ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा है।
2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में एमवीए को एक बड़ा झटका लगा, जब उसे भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन से करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसने भारी बहुमत से जीत हासिल की। बीएमसी के 29 नगर निगमों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के लिए मतदान 15 जनवरी को होगा और परिणाम अगले दिन 16 जनवरी को घोषित किए जाएंगे।
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