किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि दिल्ली की सीमा पर किसान अपना घर छोड़कर बैठे हैं। साढ़े सात सौ किसान सारे देश में शहीद हो गए, लेकिन पीएम के मुंह से एक शब्द नहीं निकला। उनका सवाल था कि मोदी सारे देश के पीएम हैं या फिर एक वर्ग के।

टिकैत का कहना था कि तीनों कृषि कानून किसानों के खात्मे के लिए लाए गए हैं। मोदी सरकार षडयंत्र करके किसानों को परेशान करने में लगी है। कभी लाल किले जैसी घटनाएं होती हैं तो कभी लखीमपुर जैसी। उनका कहना था कि मोदी को सारे देश की जनता ने चुना था। लेकिन लगता है कि वह केवल बीजेपी के प्रधानमंत्री हैं। सरकार ने किसानों पर अनगिनत आरोप लगा लिए हैं। किसानों के प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।

बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि आज देश का संविधान भी खतरे में है। उसको भी बचाना है। किसान तब जागा जब बिकने की कगार पर आ गया। नौ महीने से हम आंदोलन कर रहे हैं और पूरा संयुक्त किसान मोर्चा डटा रहेगा। जब देश के किसान, नौजवान की जीत होगी, तभी हम अपने घर और गांव जाएंगे।

टिकैत ने कहा कि एलआईसी, बैंक सब बिक रहे हैं. इनके खरीदार अडाणी, अंबानी हैं। एफसीआई की जमीन, गोदाम अडाणी को दिए गए हैं। समुद्र तटों के सैकड़ों किलोमीटर तक बंदरगाह बेच दिए गए हैं। मछुआरे इससे परेशान हैं। ऐसे में सभी बड़े मुद्दों को साथ लाकर देश को बचाना है।

उनका कहना था कि सरकार का केवल एक ध्येय है और वह चुनाव जीतना लेकिन उन्होंने जिस तरह का सलूक किसानों के साथ किया है उसे लोग भूलेंगे नहीं। जब मौका आएगा तो सबक सिखाएंगे। टिकैत ने कहा कि लखीमपुर की घटना को पूरे देश ने देखा है। विदेशी मीडिया में भी यह चर्चा का विषय बनी है। मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा सब देख रहे हैं।