एक साल से ज्यादा समय तक चला किसान आंदोलन अब स्थगित हो चुका है, किसान बुधवार शाम तक दिल्ली के सभी बॉर्डर्स को खाली करके अपने घरों की ओर लौट जाएंगे। ज्यादातर किसान अपने घर वापस भी जा चुके हैं। वहीं गाजीपुर से जब घर के लिए किसान नेता और आंदोलन के मुख्य चेहरों में से एक राकेश टिकैत निकले तो भावुक नजर आए।
आजतक से बात करते हुए राकेश टिकैत अपनी उस झोपड़ी को मत्था टेकते दिखे, जिसमें उन्होंने पिछले एक साल गुजारे थे। राकेश टिकैत ने कहा कि आज जा रहा हूं, यहां के लोग बहुत याद आएंगे। उन्होंने कहा- “ये झोपड़ी ऐसे ही जाएगी, गांव में ऐसे ही लगाएंगे इसे”। यहीं पर बात करते-करते राकेश टिकैत भावुक हो गए।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि सबलोग जा रहे हैं यहां से धीरे-धीरे, यादें रहेंगी अब। उन्होंने कहा कि यहां की यादें हमेशा जिंदा रहेंगी। टिकैत एक साल से ज्यादा समय तक इस आंदोलन में शामिल रहे और तबसे वो अपने घर नहीं गए हैं। उन्होंने कहा कि वो यहां 13 महीने रहे हैं।
इससे पहले टिकैत ने कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है, पूरी तरह से वापस नहीं लिया गया है, क्योंकि केंद्र के साथ विभिन्न मुद्दों पर अभी बातचीत चल रही है। टिकैत ने कहा- “मैं उन सभी का शुक्रगुजार हूं जो हमारे साथ रहे हैं। मैं उन लोगों का भी आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने लंगर चलाया, ग्रामीण जो हमारे लिए जरूरी सामान लाए”।
बता दें कि गाजीपुर के अलावा, सिंघु और टिकरी बॉडर सहित अन्य जगहों पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे थे। कुछ दिन पहले ही सरकार ने काफी विवादों के बाद इन कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था।
इसके बाद अन्य मांगों पर सहमति बनने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया था। जिसके बाद शनिवार से किसानों ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर विरोध स्थल छोड़ना शुरू कर दिया था।