केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा है कि बिहार में 5 नवंबर के अखबार में कोई भी राजनीतिक विज्ञापन बिना उसकी मंजूरी के नहीं छपेगा। यह मंजूरी चुनाव आयोग की ओर से बनाई गई उच्च अधिकार प्राप्त मीडिया कमेटी से लेनी होगी। आयोग ने यह फैसला 4 नवंबर को भाजपा के एक विज्ञापन पर विवाद होने के बाद लिया गया है।
विवादित विज्ञापन: बिहार विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान से एक दिन पहले बुधवार (4 नवंबर) को भाजपा ने गाय को मुद्दा बनाया। पार्टी की ओर से सभी अखबारों में ऐड छपवाया गया। इसमें नीतीश कुमार पर गौहत्या के मुद्दे पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया गया है। विज्ञापन में एक गाय को पुचकारती महिला की तस्वीर है और लिखा गया है, ‘मुख्यमंत्री जी आपके साथी हर भारतीय की पूज्य गाय का अपमान बार-बार करते रहे और आप चुप रहे।’
विज्ञापन में बीफ को लेकर लालू यादव, रघुवंश प्रसाद सिंह और सिद्धारमैया के बयान भी छापे गए हैं। ये नीतीश के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस के नेता हैं। नीतीश से पूछा गया है कि क्या बीफ पर इन नेताओं के बयानों से वह सहमत हैं? नीचे लिखा है- जवाब नहीं तो वोट नहीं।
Have these ads in Bihar been given by BJP’s fringe elements? Or by BJP top brass? pic.twitter.com/ZRUTbCWk0F
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 4, 2015
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर पूछा है कि क्या इस विज्ञापन को भाजपा के आला नेताओं ने हरी झंडी दी है या फिर यह उनके छद्म लोगों ने छपवाया है? बता दें कि केजरीवाल ने नीतीश के समर्थन में अपील जारी की है और लोगों से उन्हें दोबारा चुनने के लिए कहा है।
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