पिछले दिनों देश के छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ। इस चुनाव में बीजेपी को तीन सीटों पर जीत मिली जबकि विपक्षी दल चार विधानसभा सीटों पर अपना परचम फहराने में सफल रहे। केंद्र की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने वाले यूपी की घोसी विधानसभा सीट पर पूरे देश की नजर थी। यहां बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा लेकिन जहां से बीजेपी को राहत मिली वो राज्य है त्रिपुरा। यहां की बोक्सानगर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने पहली बार जीत दर्ज की।
त्रिपुरा की बोक्सानगर विधानसभा सीट पर पिछले 25 सालों CPI(M) का कब्जा था। यहां हुए उपचुनाव में बीजेपी के तफज्जल हुसैन ने 30 हजार से ज्यादा वोटों से बंपर जीत हासिल की। इससे पहले फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में तफज्जल हुसैन CPI(M) के प्रत्याशी मो. शमशुल हक से 4849 वोटों के छोटे मार्जिन से हार गए थे। इस सीट पर हक के निधन की वजह से चुनाव हुआ। चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर से तफज्जल हुसैन को प्रत्याशी बनाया जबकि CPI(M) ने शमशुल हक के बेटे मिजान हुसैन को चुनाव लड़वाया।
बक्सानगर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी तफज्जल हुसैन को लगभग 80% वोट मिले। इसी वजह से सीपीआई (एम) इस चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली और हेरफेर का आरोप लगा रही है। हालांकि तफज्जल हुसैन ने ऐसे सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि विधानसभा में रहने वाले सभी वर्गों- हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध औऱ ईसाई- सभी ने उन्हें वोट दिया। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, “मैं त्रिपुरा में BJP का पहला अल्पसंख्यक MLA हूं, लेकिन मेरे विधानसभा क्षेत्र के सभी वोटर्स ने मुझे वोट दिया।”
BJP का बोक्सानगर जीतना क्यों बड़ी बात?
त्रिपुरा की इस विधानसभा सीट पर अभी तक लेफ्ट या कांग्रेस को ही सफलता मिली है। इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है। माना जाता है कि मुस्लिम मतदाता बीजेपी को वोट करने से परहेज करते हैं। यहां पहली बार बीजेपी का प्रत्याशी जीतने में सफल हुआ है। बोक्सानगर के नए एमएलए तफज्जल हुसैन इसके लिए मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों को क्रेडिट देते हैं। वो कहते हैं कि स्मार्ट फोन और मोदी सरकार के डिजिटल कैंपेन की वजह से लोग जागरुक हुए हैं। लोग अब निरर्थक आंदोलनों में शामिल होने से बच रहे हैं और सिर्फ विकास में रुचि दिखा रहे हैं।
कभी कांग्रेस में थे तफज्जल हुसैन
बोक्सानगर के विधायक तफज्जल हुसैन कभी कांग्रेस का हिस्सा हुआ करते थे। वह सोनामूरा जिले में कांग्रेस यूनिट के उपाध्यक्ष थे और साल 2011 में त्रिपुरा कांग्रेस कमेटी में उन्हें सदस्य नियुक्त किया गया। इसके करीब दो साल बाद वह कांग्रेस से अलग हो गए। यह वह समय था, जब बिप्लब कुमार देब राज्य में BJP के लिए एक एग्रेसिव कैंपेन चला रहे थे। उस समय बीजेपी को त्रिपुरा के लिहाज से अप्रासंगिक माना जाता था। साल 2016 में तफज्जल हुसैन BJP अल्पसंख्यक मोर्चा के राज्य सचिव थे। वह 2023 तक बीजेपी में कई पदों पर रहे।
क्या है तफज्जल हुसैन का एजेंडा?
विधायक बनने के बाद तफज्जल हुसैन कहते हैं कि वो बोक्सानगर में रोड कनेक्टिविटी, इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन, स्कूलों में टीचर्स और फायर ब्रिगेड सेवाओं पर काम करने की बात कहते हैं। वो कहते हैं कि कैंपन के दौरान सीएम माणिक साहा ने वादा किया थआ वो वो यहां विकास के सभी कार्यों के लिए अपना समर्थन देंगे।